वहीं सब्जियों में प्रयोग होने वाले मसालों में भी भारी मात्रा में मिलावटखोरी हो रही है। लाल मिर्च, धनिया, हल्दी, गरम मसाले में पीसते समय ही मिलावट कर दी जाती है। यही वजह है कि पिसे हुये मसालों से बनी सब्जियों में स्वाद नहीं आ रहा है। पिसी हुयी लाल मिर्च में मिर्च के पौधे के पत्ते और भट्टा की सेम लाल ईट मिलाने की भी जानकारी हो रही है। वहीं हल्दी में गेरू मिलाकर बजन बढ़ाने का काम किया जा रहा है। जबकि धनिया में गेहूं की भूसी मिलावट की जा रही है जबकि गरम मसालों में पपीता के बीजों का प्रयोग किया जा रहा है। इस समय मिलावटखोर पूरी तरह बेलगाम हो कर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। मिलावट खोरों पर अंकुश लगाने वाला विभाग भी अब मिलावट खोरों के साथ सुर में सुर मिलाते दिख रहा है। उसे जनपद में कही मिलावट का धंधा होता नजर नहीं आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी इंस्पेक्टर कोई इस तथ्य को स्वीकार नहीं करना चाहता है कि जनपद में मिलावटखोरी हो रही है। जानकारों की मानें तो अब चोर चोर मौसेरे भाई बनकर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहे हैं।
रक्षाबंधन का त्यौहार बिना चीनी के ही गुजरा अर्थात इस अवसर पर लोगों को 30 रुपया किलो तक चीनी खरीदनी पड़ी। त्यौहार के बाद भाव गिरने की संभावना तो क्षीण हो ही गयी उल्टे मूल्य और बढ़ गया। अब 32 रुपये किलो चीनी और 110 रुपये किलो का भाव जनता के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
गौर तलब है कि एक सप्ताह पूर्व 28 रुपये वाली चीनी अब 32 रुपये किलो पहुंच गयी जिससे उपभोक्ता अनिश्चय में पड़ा हुआ हे इस अवधि में हल्दी का भाव भी पिछले 40 दिनों में दो गुने से अधिक हो गये। आज बाजार में 55 रुपया प्रति किलो वाली हल्दी 110 रुपये तक पहुंच गयी। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व का प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का वह वयान भी जनता को चौका गया जिसमें उन्होंने कहा था अभी और बढ़ सकती है मंहगाई अब लोग सोच रहे हैं कि आखिर कहां तक जायेगी मंहगाई।
व्यापार के विशेषज्ञों का तर्क है कि गन्ने के कम उत्पादन को देखते हुए चीनी का भाव और अधिक बढ़ने की उम्मीद हैं जिनकी गोदाम में चीनी लगी हैं। वे 35 रुपये का सपना देख रहे है वहीं बढ़े मूल्य का लाभ उठाने के लिए हल्दी की भी भड़सार की जा रही है।
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