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सोमवार, 3 अगस्त 2009

सावधान! सूचना अधिकार अधिनियम खोल सकता है आप की भी पोल !!!

सावधान! सूचना अधिकार अधिनियम किसी भी धोखाधड़ी करने वाले की रातों की नींद और दिन का चैन छीन सकता है। एक प्रधानाचार्य की बेटी के फर्जीबाडे़ के उजागर हो जाने से यह साबित हो चुका है। इस अधिनियम के सहारे मिली जानकारी में कई चौंकाने वाले तथ्य आम हुये जिसमें अहम हैं। प्रधानाचार्य की शिक्षिका बेटी ने एक ही समय में दो अलग विद्यालयों में शिक्षण कार्य तो किया ही बल्कि इस दौरान उसने बीएड की डिग्री भी हासिल कर ली।

उक्त जानकारी विद्यालय के दावेदार प्रबंधक जितेन्द्र कुमार ने देते हुये अवगत कराया कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जानकारी के मुताबिक सुनीता देवी यादव पुत्री राधेश्याम यादव प्रधानाचार्य नरसिंह यादव इण्टर कालेज ने एक ही समय में दो अलग विद्यालयों में शिक्षण कार्य किया है। प्रधानाचार्या शशिवाला यादव जयंती देवी कन्या जूनियर हाईस्कूल ने लिखित जानकारी दी कि सुनीता यादव उनके विद्यालय में 7 फरवरी 2005 से सहायक अध्यापक के रूप में तैनात है और अध्यापन कर रही हैं। वहीं अधिनियम के तहत नरसिंह यादव इंटर कालेज द्वारा अवगत कराया गया कि शिक्षिका सुनीता यादव ने नरसिंह यादव इंटर कालेज में विगत 7 दिसंबर 2004 से 30 सितंबर 2006 के मध्य विद्यालय में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाओं में हिन्दी और संस्कृत का शिक्षण कार्य किया है। मामला यहीं खत्म होता हो गनीमत थी। उक्त शिक्षिका ने नरसिंह यादव इंटर कालेज में सेवा के अनुभव का दुरुपयोग करते हुये वर्ष 2009 में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन से 11 हजार रुपये की अवैध कमाई भी की। खास बात यह कि मूल्यांकन के लिये उनकी नियुक्ति परिषद द्वारा नहीं बल्कि प्रधानाचार्य पिता की संस्तुति पर हुयी। आश्चर्य देखिये पिता ने सर्व शक्तिमान की तरह बेटी को बोर्ड परीक्षा के दौरान अपने ही विद्यालय में कक्ष निरीक्षक भी बना दिया। इस तरह प्रधानाचार्य राधेश्याम यादव ने अपनी पुत्री को एक ही समय फिरोजाबाद के एक कालेज से बीएड, नरसिंह यादव इंटर कालेज करहल में अंशकालिक अध्यापक एवं बोर्ड परीक्षा का कार्य कराया और इसी अवधि में जयंती देवी यादव कन्या जूनियर हाईस्कूल करहल में अध्यापक पद का कार्य दिखाते हुये तीन-तीन पदों से लाभ दिला गैर कानूनी कमाई कराई। यह फर्जीबाड़ा प्रधानाचार्य द्वारा उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर गोपनीय ढंग से अंजाम दिया गया। दावेदार प्रबंधक ने विभागीय उच्चअधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को साक्ष्य सहित फर्जीबाडे़ से अवगत कराके धोखेबाजों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया है।

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