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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

२०१० का लेखा जोखा !

2010 Ka Lekha-Jokha Video

नव वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनायें !!



बस इतना ही कह सकता हूँ ...

इस रिश्ते को यूँही बनाये रखना,
दिल में यादो के चिराग जलाये रखना,
बहुत प्यारा सफ़र रहा 2010 का,
अपना साथ 2011 में भी बनाये रखना!
नव वर्ष की शुभकामनायें!


आपको और परिवार में सभी को नव वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनायें !!

गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैय्या - आठ माह का गर्भ बिकाऊ है!

बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैय्या, कहावत तो प्रचलित है, लेकिन एक व्यक्ति ने अपने अजन्मे बच्चे को बेचने के लिए विज्ञापन देकर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। विज्ञापन देने वाला व्यक्ति हरियाणा के यमुनानगर का रहने वाला बताया गया है।
मंगलवार को एक समाचार पत्र में एक व्यक्ति ने अपने अजन्मे बच्चे को गोद देने का विज्ञापन जारी कराया। विज्ञापन में दिये गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो विज्ञापन देने वाले व्यक्ति ने अपना नाम तविंदर कुमार धीमान निवासी- यमुनानगर बताया। तविंदर ने बताया कि उसकी पत्नी आठ माह की गर्भवती है और उन्हें पैसे की सख्त जरूरत है। इसलिए वह अपने अजन्मे बच्चे को बेचना चाहता है। उसने बताया कि उसके पास कई जरूरतमंदों के फोन आ चुके है। इसलिए अगर बच्चा चाहिए तो वे जल्दी उनसे संपर्क करें।
दूसरी ओर, समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजकर विज्ञापनकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सोसायटी को आशंका है कि इस व्यक्ति के तार किसी बच्चा बेचने के गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।

बुधवार, 29 दिसंबर 2010

अभी नहीं मिलेगी अनचाही कॉलों से राहत!

नए साल में अनचाही कॉलों से निजात मिलने की आस लगाए बैठे मोबाइल ग्राहकों को निराशा हो सकती है। माना जा रहा है कि फिलहाल टेलीकॉम ऑपरेटर इसके लिए तैयार नहीं हैं। वजह यह है कि टेलीमार्केटिंग कॉलों को रोकने के लिए जिस जरूरी ढांचे की जरूरत है, उसे तैयार करने में कंपनियों को और समय लगेगा।
सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इसके लिए उन्होंने सरकार से चार महीने का समय भी मांगा है। हालांकि अब नई तारीख एक फरवरी उभरकर आ रही है। दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा इस तरह की कॉलों को बंद करने की समयसीमा पहली जनवरी 2011 तय की गई है।
ट्राई ने एक दिसंबर, 2010 को अनचाही टेलीमार्केटिंग कॉलों और एसएमएस पर दिशानिर्देश जारी किए थे। इन दिशानिर्देशों को अगले साल की शुरुआत से लागू किया जाना था। एसोसिएशन ऑफ यूनिफाइड सर्विस प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया [ऑस्पी] के महासचिव एससी. खन्ना ने कहा कि इस बात की संभावना कम ही है कि ऑपरेटर एक जनवरी की समयसीमा को पूरा कर पाएंगे। उन्हें ऐसी कॉलों को नियंत्रित करने को लेकर ढांचा खड़ा करने के लिए और समय की जरूरत है। इससे पहले ट्राई के दिशानिर्देशों में कहा गया था कि नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियों पर 2.50 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। जिस भी कंपनी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलेंगी, उन्हें ब्लॉक कर दिया जाएगा। टेलीमार्केटिंग कंपनियों को '70' से शुरू होने वाला अलग फोन नंबर दिया जाएगा। ऐसे में ग्राहक उनकी पहचान कर सकेंगे और उनके पास विकल्प होगा कि वे चाहें तो टेलीमार्केटिंग कंपनियों की कॉल न उठाएं।
ट्राई ने टेलीमार्केटिंग कॉलों के लिए सात श्रेणियों की पहचान की है। इनमें बैंकिंग और वित्तीय उत्पाद, रीयल एस्टेट, शिक्षा, स्वास्थ्य, उपभोक्ता सामान और वाहन, संचार एवं मनोरंजन व पर्यटन और मौजमस्ती के लिए पर्यटन शामिल हैं।

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

सभी पीने वाले ब्लॉगर मित्र ... ज़रा ध्यान दें !!

सभी पीने वाले ब्लॉगर मित्र ... ज़रा ध्यान दें !!

 क्या आप बुरे हैंगओवर के शिकार हैं..? 

टोस्ट के साथ हनी यानी शहद का इस्तेमाल करें। एक नए शोध में यह बात कही गई है। रॉयल सोसायटी ऑफ केमेस्ट्री ने यह तथ्य खोजने का दावा किया है।
उसने कहा है कि शहद में प्राकृतिक मिठास होती है, जो शराब पीने से होने वाले हैंगओवर को दूर करती है। शोध के अनुसार फलों में पाई जाने वाली शर्करा [फ्रक्टोस] शराब के शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को नष्ट करती है।
डेली टेलीग्राफ ने शोधकर्ताओं के दल का नेतृत्व करने वाले डॉ. जॉन एम्सले के हवाले से कहा है, 'शराब भले ही थोड़ी देर की खुशी देती हो, लेकिन उससे शरीर में पैदा होने वाला एसिटेल्डीहाइड हैंगओवर पैदा करता है। यह जहरीला रसायन सिरदर्द, जुकाम और यहां तक कि उल्टी के लिए भी जिम्मेदार है। जब इस रसायन का असर कम होता जाता है, तो हैंगओवर भी खत्म हो जाता है।'
एम्सले के अनुसार, 'टोस्ट के साथ हनी का सेवन करने से शरीर में पोटेशियम और सोडियम पहुंचता है और इससे शरीर में अल्कोहल के बुरे प्रभाव नष्ट होते हैं।'

वैसे इस पोस्ट की कोई जरूरत नहीं थी पर आजकल ठण्ड बहुत है ... और पता चला है लोग बाग़ ब्लॉगर और ब्लोगस को देख देख कर पीना सीख रहे है ... तो एक ब्लॉगर होने की हसियत से मेरा भी कुछ फ़र्ज़ बनता है कि नहीं ...???

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !

आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें इस कामना के साथ कि संता क्लाज हमारे देशवासियों को सुख, समृद्धि, शांति, स्वस्थ, प्रसन्न, भ्रष्टाचार से मुक्ति, आतंक से मुक्ति, दुखों से मुक्ति, आपसी प्रेम, सद्भाव, भाईचारा जैसे जरूरी उपहार देने अवश्य ही आयेगे ।


( और हाँ ... संता ... साथ में प्याज़, टमाटर जैसी सब्जियां भी लेते आइयेगा  !! ) 



मेर्री क्रिसमस !!!

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान के बलिदान दिवस पर विशेष

राम प्रसाद बिस्मिल
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड एक ऐसी घटना है जिसने अंग्रेजों की नींव झकझोर कर रख दी थी। अंग्रेजों ने आजादी के दीवानों द्वारा अंजाम दी गई इस घटना को काकोरी डकैती का नाम दिया और इसके लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों को 19 दिसंबर 1927 को फांसी के फंदे पर लटका दिया।
अशफाक उल्ला खा
फांसी की सजा से आजादी के दीवाने जरा भी विचलित नहीं हुए और वे हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। बात नौ अगस्त 1925 की है जब चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह सहित 10 क्रांतिकारियों ने मिलकर लखनऊ से 14 मील दूर काकोरी और आलमनगर के बीच ट्रेन में ले जाए जा रहे सरकारी खजाने को लूट लिया।
दरअसल क्रांतिकारियों ने जो खजाना लूटा उसे जालिम अंग्रेजों ने हिंदुस्तान के लोगों से ही छीना था। लूटे गए धन का इस्तेमाल क्रांतिकारी हथियार खरीदने और आजादी के आंदोलन को जारी रखने में करना चाहते थे।
इतिहास में यह घटना काकोरी कांड के नाम से जानी गई, जिससे गोरी हुकूमत बुरी तरह तिलमिला उठी। उसने अपना दमन चक्र और भी तेज कर दिया।
अपनों की ही गद्दारी के चलते काकोरी की घटना में शामिल सभी क्रांतिकारी पकडे़ गए, सिर्फ चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजों के हाथ नहीं आए। हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के 45 सदस्यों पर मुकदमा चलाया गया जिनमें से राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई।
ब्रिटिश हुकूमत ने पक्षपातपूर्ण ढंग से मुकदमा चलाया जिसकी बड़े पैमाने पर निंदा हुई क्योंकि डकैती जैसे मामले में फांसी की सजा सुनाना अपने आप में एक अनोखी घटना थी। फांसी की सजा के लिए 19 दिसंबर 1927 की तारीख मुकर्रर की गई लेकिन राजेंद्र लाहिड़ी को इससे दो दिन पहले 17 दिसंबर को ही गोंडा जेल में फांसी पर लटका दिया गया। राम प्रसाद बिस्मिल को 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल और अशफाक उल्ला खान को इसी दिन फैजाबाद जेल में फांसी की सजा दी गई।
फांसी पर चढ़ते समय इन क्रांतिकारियों के चेहरे पर डर की कोई लकीर तक मौजूद नहीं थी और वे हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए।
काकोरी की घटना को अंजाम देने वाले आजादी के सभी दीवाने उच्च शिक्षित थे। राम प्रसाद बिस्मिल प्रसिद्ध कवि होने के साथ ही भाषायी ज्ञान में भी निपुण थे। उन्हें अंग्रेजी, हिंदुस्तानी, उर्दू और बांग्ला भाषा का अच्छा ज्ञान था।
अशफाक उल्ला खान इंजीनियर थे। काकोरी की घटना को क्रांतिकारियों ने काफी चतुराई से अंजाम दिया था। इसके लिए उन्होंने अपने नाम तक बदल लिए। राम प्रसाद बिस्मिल ने अपने चार अलग-अलग नाम रखे और अशफाक उल्ला ने अपना नाम कुमार जी रख लिया।
खजाने को लूटते समय क्रांतिकारियों को ट्रेन में एक जान पहचान वाला रेलवे का भारतीय कर्मचारी मिल गया। क्रांतिकारी यदि चाहते तो सबूत मिटाने के लिए उसे मार सकते थे लेकिन उन्होंने किसी की हत्या करना उचित नहीं समझा।
उस रेलवे कर्मचारी ने भी वायदा किया था कि वह किसी को कुछ नहीं बताएगा लेकिन बाद में इनाम के लालच में उसने ही पुलिस को सब कुछ बता दिया। इस तरह अपने ही देश के एक गद्दार की वजह से काकोरी की घटना में शामिल सभी जांबाज स्वतंत्रता सेनानी पकड़े गए लेकिन चंद्रशेखर आजाद जीते जी कभी अंग्रेजों के हाथ नहीं आए। 

सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान के बलिदान दिवस पर उनको शत शत नमन !

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

विजय दिवस पर विशेष

ऊपर दी गई इस तस्वीर को देख कर कुछ याद आया आपको ?

आज १६ दिसम्बर है ... आज ही के दिन सन १९७१ में हमारी सेना ने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था ... और बंगलादेश की आज़ादी का रास्ता साफ़ और पुख्ता किया था ! तब से हर साल १६ दिसम्बर विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है !

आइये कुछ और तस्वीरो से उस महान दिन की यादें ताज़ा करें !











आप सब को विजय दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

जय हिंद !!!

बुधवार, 15 दिसंबर 2010

जश्न - ऐ - सरफरोशी !

जश्न - ऐ - सरफरोशी !
देहरादून में शनिवार, 11 दिसंबर को आइएमए की पासिंग आउट परेड में पोते के अधिकारी बनने की खुशी दादी के चेहरे पर साफ छलकी।

भारतीय तटरक्षक बल की पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट बनने के बाद भावना राणा (बाएं) और रुचि सांगवान ने अब एक और उपलब्धि हासिल की है। शनिवार, 11 दिसंबर को दोनों ने सफलतापूर्वक हेलीकॉप्टर पायलट की ट्रेनिंग पूरी कर ली। चेन्नई में हेलीकॉप्टर पायलट की 75वीं पासिंग आउट परेड के बाद दोनों की खुशी साफ दिखी।

देहरादून में शनिवार, 11 दिसंबर को आइएमए की पासिंग आउट परेड में कैडेट्स ने अधिकारी बनने की खुशी कुछ यूं मनाई।


ताकत वतन की हम से है ... हिम्मत वतन की हम से है ... इज्ज़त वतन की हम से है ... इंसान के हम रखवाले !

रविवार, 12 दिसंबर 2010

५५० वी पोस्ट :- सांसद हमले की ९ वी बरसी पर संसद हमले के अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि


आज १३ दिसम्बर है ... ९ साल पहले आज के ही दिन कुछ लोगो ने भारत के लोकतंत्र के प्रतीक संसद भवन की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी !


 ९ साल बाद आज यह संसद फिर हमले की शिकार है पर अब की बार अपने ही सदस्यों के हाथो !
 


संसद हमले के अमर शहीदों को पूरे हिंदी ब्लॉग जगत और सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से शत शत नमन !

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

सर्दियों में सावधानी रखें, बीमारी से बचें

आम तौर पर सर्दियों के मौसम को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इसके बावजूद इस मौसम में बीमारियां होती है। कुछ सावधानियां बरत कर इनसे बचा जा सकता है :-

[सर्दी-जुकाम] : नाक बहना, गले में चुभन, खांसी और बुखार की समस्या इस मौसम में ज्यादा होती है। इनसे बचने के लिए ऊनी कपड़े पहनें। गले की खिचखिच से बचने के लिए गर्म पेय पदार्थ लें। हर्बल चाय, सूप और हल्का गुनगुना पानी इस दृष्टि से सर्वथा उपयोगी हैं।

[डायबिटीज] : इस मौसम में यह मर्ज अनियत्रित हो सकता है क्योंकि भूख अधिक लगती है। इस रोग को नियत्रित रखने के लिए ब्लड शुगर जाच कराएं।

[ब्लडप्रेशर व हृदय रोग] : सर्दियों में हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत कुछ ज्यादा होती है क्योंकि सर्दियों में धमनिया सिकुड़ती है और कैलोरी की खपत कम होती है। अपने ब्लड प्रेशर, ईसीजी की जाच अवश्य कराएं।

[अर्थराइटिस] : इस मर्ज के पीड़ितों को इस मौसम में जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है और सूजन हो जाती है। इससे बचने के लिए योग व व्यायाम करें। सुबह सैर करें। फिजियोथेरैपिस्ट की सलाह से जोड़ों से सबधित कुछ विशेष प्रकार की कसरत करें।

[स्किन एलर्जी] : इस मौसम में इसकी शिकायत सबसे अधिक होती है। त्वचा के रूखे होने से त्वचा पर सक्रमण हो सकता है। इससे बचने के लिए मेडीकेटेड साबुन का इस्तेमाल करें। सरसों के तेल से मालिश करें।

शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

बीमा कराइए, बेफिक्र हो शादी रचाइए

शादी-ब्याह रचाना कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं। शादी के खर्च और जिम्मेदारियों को देखते हुए ऐसी कहावतें अक्सर कही जाती हैं। मगर अब बीमा कंपनियों ने शादी के आयोजन को आसान बना दिया है। दरअसल बीमा कंपनियां अब शादी का बीमा भी करने लगी हैं। यानी शादी के आयोजन में किसी चीज के टूटने-फूटने, चोरी, आग लगने या लूटपाट जैसी वारदात होने पर सारा नुकसान बीमा कंपनियां उठाएंगी। यही नहीं, अगर वर-वधू, अभिभावक या भाई-बहनों की दुर्घटना की वजह से शादी की तारीख बदल जाए तो शादी से जुड़े आयोजन का पूरा पैसा भी बीमा कंपनी भुगतान करेगी।

देश में होने वाली खर्चीली और भव्य शादियों को सुरक्षित बनाने के लिए बजाज आलियांज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने इस बीमा योजना को बाजार में उतारा है। बजाज आलियांज ने 20 लाख, 35 लाख, 53 लाख और 83 लाख रुपये का विवाह बीमा पेश किया है। जिसका प्रीमियम क्रमशः 2850, 5200, 8600 और 11,200 रुपये तय किया गया है। कंपनी के मार्केटिंग प्रमुख अक्षय मेहरोत्रा ने बताया कि इस योजना को सिक्योर्ड वेडिंग प्लान के नाम से पेश किया गया है। इसमें शादी से जुड़ी किसी भी तरह की अनहोनी का सारा जिम्मा बीमा कंपनी उठाएगी।

उन्होंने बताया कि अगर किसी कारणवश शादी टल जाती है तो पहले से सुरक्षित किए गए आयोजन स्थल, खाना, पंडाल, बैंड बाजा व गाड़ी या ऐसी दूसरी व्यवस्थाओं में लगी रकम का पूरा भुगतान कंपनी करेगी। अमूमन प्रत्येक घर में शादी के दौरान नकद रुपये और जेवरात रखे होते हैं। बकौल मेहरोत्रा इनकी सुरक्षा का जिम्मा भी प्लान में सम्मिलित है। कुछ इसी तरह आईसीआईसीआई ने भी अपना प्लान निकाला है। दोनों कंपनियों के मुताबिक इस बीमा दावे का निपटारा सात से दस दिनों के अंदर किया जाएगा। जिससे आगामी तैयारी में अड़चन नहीं आए।

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