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सोमवार, 8 जुलाई 2013

चौथी बरसी पर ओम दद्दा को शत शत नमन !

हास्य, व्यंग्य और कविता प्रेमियों को ८ जुलाई'०९ को एक और सदमा लगा |

८ जून'०९ से जिंदगी से संघर्ष कर रहे मशहूर हास्य कवि ओम व्यास 'ओम' जी का ०८ जुलाई'०९ की सुबह दिल्ली में निधन हो गया।

ज्ञात हो ओम व्यास जी  ०८ जून'०९ को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था।

उल्लेखनीय है कि विदिशा में आयोजित बेतवा महोत्सव से भोपाल लौट रहे कवियों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में हास्य कवि ओम प्रकाश आदित्य, लाड सिंह और नीरज पुरी की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि ओम व्यास गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सभी उनके जल्द ठीक होने की आस लगाये बैठे थे पर ..................होनी को कुछ और ही मंजूर था |

आज ठीक चार साल बीत जाने के बाद भी हिंदी साहित्य प्रेमी इस सदमे से उबार नहीं पाए है |

सभी मैनपुरी वासीयों की स्व॰ श्री ओम व्यास 'ओम' जी को विनम्र श्रद्धांजलि |

रविवार, 12 मई 2013

हैप्पी मदर्स डे ... अम्मा

माँ…माँ संवेदना है, भावना है अहसास है
माँ…माँ-माँ संवेदना है, भावना है अहसास है
माँ…माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है,
माँ…माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है,
माँ…माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है,
माँ…माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है,
माँ…माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है,
माँ…माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है,
माँ…माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है,
माँ…माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है,
माँ…माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है,
माँ…माँ कलम है, दवात है, स्याही है,
माँ…माँ परामत्मा की स्वयँ एक गवाही है,
माँ…माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है,
माँ…माँ फूँक से ठँडा किया हुआ कलेवा है,
माँ…माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है,
माँ…माँ जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है,
माँ…माँ चूडी वाले हाथों के मजबूत कधों का नाम है,
माँ…माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है,
माँ…माँ चिंता है, याद है, हिचकी है,
माँ…माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है,
माँ…माँ चुल्हा-धुंआ-रोटी और हाथों का छाला है,
माँ…माँ ज़िंदगी की कडवाहट में अमृत का प्याला है,
माँ…माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है,
माँ बिना इस सृष्टी की कलप्ना अधूरी है,
तो माँ की ये कथा अनादि है,
ये अध्याय नही है…
…और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,
और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,
तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,
तो मैं कला की ये पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ,
और दुनिया की सभी माताओं को प्रणाम करता हूँ  ||

- स्व॰ ओम व्यास ओम   

हैप्पी मदर्स डे ... अम्मा !! 

रविवार, 8 जुलाई 2012

श्री ओम व्यास जी को तीसरी बरसी पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

हास्य, व्यंग्य और कविता प्रेमियों को ८ जुलाई'०९ को एक और सदमा लगा |

८ जून'०९ से जिंदगी से संघर्ष कर रहे मशहूर हास्य कवि ओम व्यास का ०८ जुलाई'०९ की सुबह दिल्ली में निधन हो गया।

ज्ञात हो ओम व्यास ०८ जून'०९ को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था।

उल्लेखनीय है कि विदिशा में आयोजित बेतवा महोत्सव से भोपाल लौट रहे कवियों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में हास्य कवि ओम प्रकाश आदित्य, लाड सिंह और नीरज पुरी की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि ओम व्यास गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सभी उनके जल्द ठीक होने की आस लगाये बैठे थे पर ..................होनी को कुछ और ही मंजूर था |

आज ठीक तीन साल बीत जाने के बाद भी हिंदी साहित्य प्रेमी इस सदमे से उबार नहीं पाए है |



सभी मैनपुरी वासीयों की श्री ओम व्यास जी को विनम्र श्रद्धांजलि |

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