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रविवार, 31 जुलाई 2011

३१ जुलाई का दिन ३ महान विभूतियों के नाम

आज ३१ जुलाई है ... आज का दिन हमारे देश की  ३ महान विभूतियों के नाम है ... 

एक है लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक , दुसरे है अमर शहीद उधम सिंह और  तीसरे  है मुंशी प्रेमचंद

पेश है ३  पोस्ट के लिंक्स जो आपको इन विभूतियों के बारे में और भी जानकारियां देंगी ! 

सही मायने में लोकमान्य थे बाल गंगाधर तिलक (२३/०७/१८५६ - ०१/०८/१९२०)


जनरल डायर को नहीं , ओडवायर को मारा था ऊधम सिंह ने

और 

होरी को हीरो बनाने वाले रचनाकार :- प्रेमचंद

सभी मैनपुरी वासियों की ओर से इन तीनों महान विभूतियों को शत शत नमन ! 

सोमवार, 25 जुलाई 2011

बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||







खामोश है जो यह वो सदा है, वो जो नहीं है वो कह रहा है ,
साथी यु तुम को मिले जीत ही जीत सदा |
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


जाओ जो लौट के तुम, घर हो खुशी से भरा,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


कल पर्वतो पे कही बरसी थी जब गोलियां ,
हम लोग थे साथ में और हौसले थे जवां |
अब तक चट्टानों पे है अपने लहू के निशां ,
साथी मुबारक तुम्हे यह जश्न हो जीत का ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


कल तुम से बिछडी हुयी ममता जो फ़िर से मिले ,
कल फूल चहेरा कोई जब मिल के तुम से खिले ,
पाओ तुम इतनी खुशी , मिट जाए सारे गिले,
है प्यार जिन से तुम्हे , साथ रहे वो सदा ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||

जब अमन की बासुरी गूजे गगन के तले,
जब दोस्ती का दिया इन सरहद पे जले ,
जब भूल के दुश्मनी लग जाए कोई गले ,
जब सारे इंसानों का एक ही हो काफिला ,
बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||

बस इतना याद रहे ........ एक साथी और भी था ||


- जावेद अख्तर 


सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से कारगिल युद्ध के सभी अमर शहीदों को शत शत नमन !

शनिवार, 23 जुलाई 2011

रविवार, 10 जुलाई 2011

रेलवे ने लांच की एम-टिकट सुविधा

रेलवे की ई-टिकट सुविधा मुसाफिरों को आरक्षण काउंटरों की लंबी लाइनों से पहले ही मुक्ति दिला चुकी है। अब आपको सफर के दौरान ई-टिकट का प्रिंट-आउट लेकर भी नहीं चलना पड़ेगा। यात्री अपना ई-टिकट मोबाइल पर ही एसएमएस के जरिये प्राप्त कर सकते हैं। रेलवे की इस नई सुविधा को 'एम-टिकट' नाम दिया गया है।
मोबाइल फोन आधारित यह टिकट बुकिंग प्रणाली यात्री को मोबाइल के जरिये टिकट बुक कराने और एसएमएस के जरिये अपने फोन पर ही टिकट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कोलकाता में कहा, 'मुसाफिरों को अब अपने टिकट का प्रिंट आउट लेकर चलने की जरूरत नहीं है। टिकट मांगे जाने पर उन्हें सिर्फ एसएमएस दिखाना होगा।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में यह सुविधा लांच की।
अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट के जरिये भारतीय रेलवे की नई वेबसाइट से इस मोबाइल टिकटिंग एप्लीकेशन को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। रेलवे ने अपनी वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनरेलवेज डॉट जीओवी डॉट इन' को नए कलेवर में पेश कर यात्रियों को तमाम सेवाएं व सूचनाएं एक ही जगह पर उपलब्ध कराने की कोशिश की है। अब उक्त वेबसाइट से ई-टिकट भी बुक कराया जा सकेगा। अभी तक रेल ई-टिकट सिर्फ इंडियन रेलवेज कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन [आइआरसीटीसी] की वेबसाइट से ही बुक कराया जा सकता था। रेलवे की वेबसाइट पर ई-टिकट बुक कराने की सुविधा प्रतिदिन देर रात 12.30 से रात 11.30 बजे तक उपलब्ध रहेगी।

शुभ यात्रा कार्ड से किराए पर छूट

नियमित यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए आइआरसीटीसी ने शुभ यात्रा कार्ड लांच किया है। इस सुविधा के तहत नामांकन कराने वाले यात्रियों को उनके द्वारा जुटाए गए अंकों के आधार पर किराए में छूट मिलेगी। हर यात्रा पर कुछ अंक मिलेंगे। इसका सदस्यता शुल्क पांच सौ रुपये सालाना है।

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

श्री ओम व्यास जी को विनम्र श्रद्धांजलि

हास्य, व्यंग्य और कविता प्रेमियों को ८ जुलाई'०९ को एक और सदमा लगा | 

८ जून'०९ से जिंदगी से संघर्ष कर रहे मशहूर हास्य कवि ओम व्यास का ०८ जुलाई'०९ की सुबह दिल्ली में निधन हो गया।

ज्ञात हो ओम व्यास ०८ जून'०९ को एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था।

उल्लेखनीय है कि विदिशा में आयोजित बेतवा महोत्सव से भोपाल लौट रहे कवियों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में हास्य कवि ओम प्रकाश आदित्य, लाड सिंह और नीरज पुरी की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि ओम व्यास गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सभी उनके जल्द ठीक होने की आस लगाये बैठे थे पर ..................होनी को कुछ और ही मंजूर था |

आज ठीक दो साल बीत जाने के बाद भी हिंदी साहित्य प्रेमी इस सदमे से उबार नहीं पाए है |



सभी मैनपुरी वासीयों की श्री ओम व्यास जी को विनम्र श्रद्धांजलि |

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

जोक डे पर विशेष


हर साल 1 जुलाई को पूरी दुनिया सेलिब्रेट करती है इंटरनेशनल जोक डे। यानी हंसने-हंसाने का एक खास दिन। तो फिर हो जाए तैयारी इस फनी सेलेब्रेशन की..!

नहीं चाहिए पैसे, नहीं चाहिए गिफ्ट, मिठाइयां, चॉकलेट। बस मुझे चाहिए तो केवल प्यारे-प्यारे जोक्स, जो हंसा दें जी भर के और कर दे मस्ती से सराबोर। आप भी इस बात से तो जरूर सहमत होगे। सचमुच, जब कभी मोबाइल सेट पर जानदार जोक्स पढ़ने को मिलते हैं, तो आप चाहते हैं कि उसे जल्द से जल्द सबको पढ़ा दें।
इसको पढ़ाया, उसको पढ़ाया, मम्मा-पापा, जाने-अनजाने दोस्त, हर किसी को वह मैसेज हम तुरंत भेज देते हैं। क्यों? हंसने-हंसाने के लिए न।

वैसे, डोंट यू थिंक कि जहां इतने सारे प्राब्लम्स हैं, ऐसे माहौल में हर कोई थोड़ा कूल हो जाए, तो हो सकते हैं बड़े बदलाव। और यह सब हो सकता है खूब हंसने-हंसाने की आदत डालने से। आफ्टर ऑल लाफ्टर इज द बेस्ट मेडिसिन। खैर, नो सीरियस बातें। बस इतना कहेंगे कि लाफ, लाफ..लाफ लाउडली।

[लाफ्टर के फास्टर फैक्ट्स]

* जोक के कॉन्सेप्ट को जन्म दिया एंशिएंट ग्रीस के बाशिंदे पालामेडस ने।

* कॉमेडी क्लब भी सबसे पहले शुरू हुआ ग्रीस में। यह समय था 350 बीसी का। इस कॉमेडी क्लब का नाम था 'ग्रुप ऑफ सिक्सटी'।

* हंसना-हंसाना इम्यून सिस्टम को करता है दुरुस्त। इम्यूनोग्लोबिंस, नेचुरल किलर सेल्स और टी सेल्स में होता है इजाफा। दरअसल, इन्हीं के बदौलत हमारी बॉडी इन्फेक्शन और ट्यूमर्स से फाइट कर सकती है।

* जापानी कहावत है हंसी के साथ समय गुजारने का अर्थ है ईश्वर के साथ समय गुजारना। यानी हंसी में है सबसे बड़ी खुशी।

* अमेरिकी मोटिवेटर अर्नाल्ड ग्लासगो के मुताबिक, लाफ्टर एक दवा है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। आपने देखा कि जोक केवल फन और मस्ती के लिए नहीं होते, ये वास्तव में मदद करते हैं हमें मेडिकली और इमोशनली फिट करने में।




आइये एक नयी तरह की ABCD सीखते है !
तो फिर सब मिल कर जोर से बोलो हैप्पी जोक डे !! 

कुछ जोक्स यहाँ भी है ... जरुर देखें !

पोलिटिकल जोक्स - Political Jokes

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