मंदी के दौर में मांग का इंजन बने ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून का ग्रहण लग सकता है। इसी आशंका में मंगलवार को दलाल स्ट्रीट में निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। इसके चलते बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स सत्र के दौरान 16 हजार का स्तर पार करने के बावजूद दबाव में आ गया। इस दिन यह 93.25 अंक लुढ़ककर 15830.98 अंक पर बंद हुआ। एक दिन पहले यह 14 माह के च्च्चतम स्तर 15924.23 अंक पर बंद हुआ था। तीन सत्रों में सेंसेक्स में 750.77 अंक की तेजी आई थी। इसी प्रकार नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 30.90 अंक टूटकर 4680.50 अंक पर बंद हुआ। सोमवार को यह 4711.40 अंक पर था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स तेजी के साथ 14940.10 अंक पर खुला। लिवाली समर्थन से यह सत्र के दौरान 16002.46 अंक के च्च्चतम स्तर तक चला गया। इससे पहले 2 जून, 08 को यह संवेदी सूचकांक इस स्तर पर था। इसके बाद बाजार में कम बारिश की आशंका हावी हो गई। इसके चलते फंडों व निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली शुरू कर दी। इससे सेंसेक्स एक समय 15699.13 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया। निफ्टी कारोबार के दौरान ऊंचे में 4731.45 व नीचे में 4642.60 अंक के दायरे में रहा।
विश्लेषकों के मुताबिक मानसून कमजोर रहने से कृषि उत्पादन में गिरावट आएगी। इसकी वजह से ग्रामीण इलाकों में खर्च घटेगा। यूरोपीय व एशियाई बाजार में मंदे के रुख का भी दलाल स्ट्रीट की कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। बीएसई में हेल्थकेयर, पावर, आईटी व रीयल एस्टेट कंपनियों पर बिकवाली की मार पड़ी। वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, आटो, एफएमसीजी व आयल एंड गैस वर्ग के सूचकांक बढ़त पर बंद हुए। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 19 के शेयर घाटे में रहे, जबकि 11 में फायदा दर्ज हुआ।
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंअच्छे लेख के लिए बहुत-बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंसही विश्लेषण!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!