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सोमवार, 6 जुलाई 2009

विद्युत कटौती: सड़कों पर उतरने लगे लोग |

अघोषित विद्युत कटौती और मनमाने शेड्यूल विरोध के स्वर अब सड़कों पर फूटने लगे हैं। तमाम स्वयंसेवी संगठन राजनैतिक दल विद्युत कटौती के विरोध में आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे हैं। कुछ दलों ने जिला प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम भी दे रखा है।

अघोषित विद्युत कटौती और विद्युत विभाग के मनमाने शेड्यूल से परेशान आम जनता अब स्वत: ही आंदोलन में कूदने का मन बना रही है। विद्युत कटौती से लोगों के सामने कई एक समस्याएं पैदा हो रही हैं। एक तरह छोटे-छोटे घरेलू उद्योग विद्युत के अभाव में पूरी तरह चौपट हो रहे हैं। वहीं बाजार का समूचा व्यवसाय भी अब प्रभावित होने लगा है। दूसरी ओर विद्युत कटौती से उपजी पेयजल की समस्या अब बेकाबू होती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। एक तरफ मौसम की बेरुखी से पानी न बरसने के कारण तालाब, नदी, नालों में पानी न होने से जहां खेतों में खड़ी फसल सूख रही है। पालतू और आवारा जानवर पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

इन सारे बदतर हालातों के लिये अब आम जनता विद्युत विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं। विद्युत विभाग के विरुद्ध तमाम आंदोलन चला रहे हैं। पर विद्युत विभाग यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लेता है कि सब ऊपर से आदेशित है | इस बीच आज एक ख़बर कुछ समाचार पत्रों के मध्यम से पता चली कि रोस्टिंग का समय फ़िर बदला गया है , ७ जुलाई से सुबह ६ से ११ और शाम ४ से ८ बजे तक कटौती की जायेगी | हुआ कुछ और ही , कटौती का समय एक दिन पहेले ही बदला गया आज सुबह ९ बजे से ले कर २ बजे तक की कटौती के बाद जब सब यह सोच कर आराम कर रहे थे की अब बिजली रात के ९ बजे तक रहेगी ,शाम के ठीक ५ बजे बिजली चली गई मालूम करने पर पता चला कि रात के ९ बजे आएगी और फ़िर सुबह ४ बजे तक रहेगी , उसके बाद सुबह ९ बजे आएगी फ़िर शाम को ५ बजे जायेगी यानि रोस्टर बदल गया है |

अब देखना यह है कि यह अघोषित विद्युत कटौती और मनमाने शेड्यूल बदला - बदली का खेल मैनपुरी में कब तक खेला जाता रहेगा ??

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