प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर ने बताया कि एक अधिकारी के साथ इस तरह से मारपीट की घटना न सिर्फ सरकारी कामकाज में बाधा डालना है, बल्कि एक आपराधिक घटना भी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई कर रहा है और इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी तथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पूर्व कोई प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर एडीएम [प्रोटोकाल] आर के सिंह और दोनों जन प्रतिनिधियों में विवाद इतना बढ़ गया कि उनमें कथित तौर पर मारपीट हो गई। इस दौरान एडीएम के कपड़े फट गए और कार्यालय में रखे कागजात भी बिखर गए। इस मामले में पुलिस ने विधायक, पार्षद मनोज राय धूपचंडी सहित 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालने सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित दस टीमों ने विधायक के आवास सहित अन्य कई स्थानों पर देर रात तक छापेमारी की, लेकिन अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।
मीणा ने बताया कि विधायक अब्दुल समद अंसारी और पार्षद मनोज राय समर्थकों के साथ सोमवार देर शाम लेढ़ूपुर निवासी एक महिला के नाम से जारी हैसियत प्रमाण पत्र के संबंध में वार्ता के लिए जिलाधिकारी से मिलने गए। इसके लिए जिलाधिकारी से विधायक की फोन पर बात हो चुकी थी। विधायक समर्थकों के साथ जब रायफल क्लब पहुंचे तो जिलाधिकारी के साथ व्यापारियों की बैठक चल रही थी। ऐसे में वह एडीएम प्रोटोकाल के कक्ष में चले गए। एडीएम और विधायक के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। देखते ही देखते एडीएम प्रोटोकाल के कक्ष का नजारा बदल गया और दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि सपा नेताओं ने एडीएम का कालर पकड़कर हाथापाई की और सपा विधायक तथा समर्थकों ने उनका बाल पकड़कर सिर मेज से टकरा दिया एवं कपड़े फाड़ दिए।
जिलाधिकारी ने व्यापारियों की बैठक समाप्त कर आनन-फानन में उन्हें तथा सभी मजिस्ट्रेटों को बुलाकर आपात बैठक की। एडीएम का दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में मेडिकल कराया गया।
जिलाधिकारी अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि उनके निर्देश पर कैंट पुलिस ने धारा 147, 323, 353, 504, 506 सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विधायक एवं उनके समर्थकों के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। दोनों जन प्रतिनिधि फरार चल रहे हैं।
मारपीट से आहत एडीएम [प्रोटोकाल] आर के सिंह वाकये की जानकरी देते समय रो पड़े। उन्होंने कहा कि विधायक को उन्होंने पूरा सम्मान दिया, लेकिन जब वह सुनीता मिश्रा नामक महिला के नाम जारी 45 लाख रुपये के हैसियत प्रमाण पत्र की राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का दबाव बनाने लगे तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि इससे विधायक उबल पड़े और साथियों के साथ उनसे मारपीट शुरू कर दी। कपड़े फाड़ दिए और बाल पकड़कर मेज पर गिरा दिया, साथ ही देख लेने की भी धमकी दी।
सपा नेता और पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा है कि लोकतंत्र में इस तरह की मारपीट को कोई जगह नहीं है और जन प्रतिनिधियों को अपनी लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए।
सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी, दमदार लेखन है, बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद |
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