भाजपा सांसद कलराज मिश्र ने शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में यह मामला उठाते हुए कहा, 'देश भर में उपभोक्ता वस्तुओं, खाद्य वस्तुओं, सब्जियों और विशेषकर दालों के दाम आसमान छू रहे हैं। दाल की कीमतें 100 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं। तीन साल पहले सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से 15 लाख टन दाल आयात की, जो कोलकाता के खिदिरपुर बंदरगाह पर उतरी। लेकिन, सरकार की अनदेखी के चलते दाल की यह समूची खेप बंदरगाह पर ही सड़ गई।'
उन्होंने बताया कि मामले की भनक लगने पर जब पत्रकार मौके पर गए तो उन्हें नाक पर रूमाल रखना पड़ा क्योंकि बारिश का पानी पड़ने से दाल सड़ गई थी। मिश्र ने इसे प्रशासनिक उदासीनता करार देते हुए कहा, 'आम आदमी की बात करने वाली सरकार सिर्फ आडंबर करती है। उसे आम आदमी की जिंदगी से कुछ लेना-देना नहीं। सरकार जनता के साथ विश्वासघात कर रही है।' उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की सरकार से मांग की।
केन्द्र सरकार शर्म करो ।
जवाब देंहटाएंसत्य को उजागर कर आपने पाठकों पर बड़ा उपकार किया है। सद्भावी -डंडा लखनवी
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समस्याएं हल हों कैसे-
अक़्ल पर ताले पड़े हैं॥
भूख से बेहाल जनता-
अन्न के बोरे सड़े हैं॥