वैसे तो राजनीति के कई रंग देखने को मिलते रहते हैं लेकिन इस समय घाटी में जो घटिया राजनीति हो रही है निश्चित ही उसने राजनीति को ही शर्मसार कर दिया है। पहले लीडर अपोजिशन महबूबा मुफ्ती द्वारा जम्मू-कश्मीर असेंबली के स्पीकर का माइक छीनना। दूसरे दिन सीएम उमर अब्दुल्ला पर सेक्स स्केंडल में शामिल होने के आरोप लगाना और अब एक दूसरे की निजी जिंदगियों पर कीचड़ उछालना इस बात को साफ दर्शाता है कि इन माननीयों को हाउस की मर्यादा का कोई भी खयाल नहीं है। बृहस्पतिवार को हाउस में बेहद निजी और आपत्तिजनक सवाल पूंछे जाने पर पीडीपी लीडर मुजफ्फर अली बेग बौखला उठे, तो उमर ने सेक्स स्केंडल केस में फॉर्मर सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम खींचकर उसे और गरमा दिया। असेंबली में बेग से ऐसे-ऐसे सवाल पूछे गए की, जिसे सुनकर कान लाल हो जाए।
उमर पर सेक्स स्केंडल में शामिल होने के आरोपों से तिलमिलाई नेशनल कांफ्रेंस ने पीडीपी लीडर मुजफ्फर अली बेग पर पलटवार किया है। नेशनल कांफ्रेंस ने बेग के करेक्टर पर सवाल उठाएं हैं और उनसे बेहद निजी सवाल पूछे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के एमएलए नजीर अहमद गुराजी ने असेंबली के स्पीकर को सवालों का एक पुलिंदा सौंपा, जिसे स्पीकर ने पढ़कर सुनाया और मुजफ्फर बेग से इसका जवाब देने को कहा। बेग ने इन सवालों के पेपर को फाड़ दिया और उसे हवा में फेंक दिया।
आखिर ऐसे कौन से सवाल हैं, जिन पर बेग साहब को इतना गुस्सा आया? चलिए डालते हैं सवालों पर एक नजर-
- क्या यह सही है कि दिल्ली में आपके न्यू फ्रेंड्स कालोनी वाले घर में देश के जाने माने जर्नलिस्ट की विडो दो साल तक रहीं? इस दौरान आप दोनों का रिलेशन हसबैंड-वाइफ की तरह रहा?
- क्या यह सही नहीं है कि आपके और उस महिला के बीच रिलेशंस में तब दरार आने लगी, जब आपकी नजर उनकी बेटी पर भी पड़ने लगी?
- क्या यह सही है कि आप राजबाग के जंगलों के पट्टेदार की विडो से मिलने दिल्ली में बाराखंभा रोड स्थित सूरी अपार्टमेंट जाते थे?
- क्या यह सही है कि जब आप वकालत करते थे तब एक फॉर्मर जस्टिस की बेटी आपके साथ बारामूला में दो महीने रही थीं?
- क्या आपके दिल्ली के एक सिनेमाहॉल मालिक की सिस्टर से इललीगल रिलेशन नहीं थे? क्या आप दिल्ली में उनके दरियागंज स्थित रेजीडेंस के थर्ड फ्लोर पर उनके साथ नहीं ठहरे थे?
- क्या यह सही नहीं है कि आपने अपनी भतीजी को छह साल तक अपने संग रखा और उससे सेक्स रिलेशन बनाए?
इन सवालों को देखने से साफ है कि घाटी में राजनीति दिनों दिन घटिया होती जा रही है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्ष एक दूसरे पर इसी तरह हमला करते रहेंगे।
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