एक शायर ने लिखा है कि 'हमने जब वादी ए गुरबत में कदम रखा था, दूर तक याद ए वतन आई थी समझाने को'..कुछ ऐसा ही हाल उन भारतीयों का भी होता है जो परदेश में जा बसे हैं और अपनी पेशेवराना जिम्मेदारियों के चलते दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर वतन नहीं आ पाते। इसके बाद भी वह दूसरे देश की सरजमीं पर पूरे जोश के साथ त्योहार मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ऐसे कुछ देश हैं जहां प्रवासी भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है। इन देशों में भारतीयों के अपने-अपने आस्था स्थल भी हैं जहां लोग इकट्ठा होकर त्योहार के दौरान वतन में होने जैसा अहसास पाते हैं।
कनाडा निवासी गुरमनजोत कौर ने कहा कि दीपावली पर अपने देश की याद सबसे ज्यादा आती है लेकिन ऐसे में दिल को समझाने का तरीका यही होता है कि आप विदेश में भी रहते हुए अपने त्योहार को धूमधाम से मनाएं। उन्होंने कहा कि कनाडा और खासकर टोरंटो में हिंदुओं के मुकाबले सिखों की तादाद काफी है लेकिन फिर भी दीपावली पर यहां उत्सवी माहौल कम नहीं होता। पराया देश होने के कारण यहां दिवाली पर छुट्टी नहीं मिलती लेकिन फिर भी सभी अपना काम निपटा कर गुरुद्वारे जाते हैं और वहां अरदास की जाती है।
चंडीगढ़ की मूल निवासी कौर ने कहा कि हम गुरुद्वारे और घर में मोमबत्तियां और दीए जलाते हैं। काफी आतिशबाजी की जाती है। सब एक दूसरे से मिलने भी जाते हैं। खास बात यह होती है कि इस दिन सभी भारतीय परिधान पहनते हैं।
कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से एम एस करने एक साल पहले अमेरिका गए कुंदन पाटीदार ने कहा कि अमेरिका में न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया ऐसे दो बड़े शहर हैं जहां भारतीयों की तादाद काफी ज्यादा है। यहां 'एसोसिएशन ऑफ इंडियंस इन अमेरिका' भी सक्रिय है जिसके जरिए अधिकतर भारतीय एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं।
उन्होंने कहा कि दीपावली पर अपने देश में नहीं होने पर सबसे ज्यादा यह बात सालती है कि आप हर घर को रोशनी से नहाए और आसमान में आतिशबाजी को नहीं निहार सकते।
कुंदन कहते हैं कि यहां 'साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट' में 17 अक्टूबर को उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान आतिशबाजी और अन्य कार्यक्रम होंगे। लंदन में एचसीएल में साफ्टवेयर पेशेवर ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी भी मानते हैं कि ब्रिटेन में भले ही दीपावली का जश्न अच्छी तरह मनाया जाता हो लेकिन अपने वतन में होने की बात कुछ और ही होती है।
उन्होंने बताया कि लंदन में भारतीयों की आबादी चार लाख के आसपास है। इसके चलते दीपावली पर होने वाले उत्सव में यह अहसास नहीं होता कि आप अपनों के बीच नहीं हैं। फिर भी अपने देश की याद आती जरूर है।
चतुर्वेदी ने कहा कि यहां साउथ हॉल में हर साल दीयों और आतिशबाजी के साथ दीपावली मनाई जाती है। इस बार भी यहां अधिकतर प्रवासी इकट्ठे होंगे और त्योहार मनाएंगे।
सच है बाहर अपनी संस्कृति बेतरह याद आने लगती है.
जवाब देंहटाएंदीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें
बहुत ही सुंदर लिखा है आपने! आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसच है..हम भी मंदिर जाते हैं..वहाँ बड़ी धूम से मानाया जाता है त्यौहार..फिर किसी भी मित्र के यहाँ दावत!!
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
बहुत ही अच्छा लिखा, दिपावली के दिन तो हम अपने परिवार के संग ही दिपावली मनाते है, कोई दुसरा परिवार आ जाये तो स्वागत है, पुजा भी घर पर ही करते है, लेकिन फ़िर बाद मै अपने जाननए वाले सभी इकट्टे मिल कर कही भी हाल वगेरा मै दिपावली मनाते है, ओर सब मिल कर खाना बगेरा बना कर कोई मिठाई बना कर , तो कोई जुस पानी ओर बीयर लाता है, फ़िर सब मिल कर बहुत अच्छा जशन मनाते है.
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
त्यौहारों में विदेश में रहनेवालों को भारत की याद आना स्वाभाविक है !!
जवाब देंहटाएंपल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
साल की सबसे अंधेरी रात में
जवाब देंहटाएंदीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
झटकें सभी तकरार ज्यों आयी-गयी
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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थोड़े दीये,खील बताशे और मिठाई सबकी हो
जवाब देंहटाएंचाहे थोड़े मिलें पटाखे धूम धड़ाके सबके हों
गलबहियों के साथ मिलें दिल भी प्यारे सभी जनों के
दीपों की पँखुड़ियाँ कहती,खील-बताशे सबके हों
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
जवाब देंहटाएंयुग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!