विभिन्न योजना-परियोजनाओं को लेकर एक ही परिवार के नाम पर शुरू करने के सवालों से घिरी सरकार ने अब महात्मा गांधी के नाम का सहारा लिया है। इसीलिए सरकार उनके जन्म दिन दो अक्तूबर पर उन्हें एक अलग तरह से श्रद्धांजलि देने जा रही है। देश के ग्रामीण बेरोजगारों को रोजी-रोटी दिलाने में अहम भूमिका वाली नरेगा को अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के नाम से जाना जाएगा। इसकी घोषणा शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित ग्राम प्रधानों के अधिवेशन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किए जाने की उम्मीद है।
केंद्र में दोबारा सत्ता में पहुंचने का श्रेय यूपीए ने नरेगा को दिया है। इसीलिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डाक्टर सीपी जोशी ने नरेगा को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर करने का मन बनाया था। इस पर सरकार के बाहर व भीतर आम राय नहीं बन पाई। अब इसे महात्मा गांधी के नाम पर करने का प्रस्ताव पास किया गया है। सूत्रों के अनुसार नरेगा के कानून होने की वजह से यह विधेयक के रूप में आगामी शीत सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
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