इस समय हिंदुस्तानी बाजार में ऐसी दो गोलियां उपलब्ध हैं- सिपला की आई पिल और मैनकाइंड फार्मा की अनवांटेड 72। पिछले कुछ समय से दोनों ही कंपनियों में विज्ञापन की होड़ सी लग गई है। लेकिन औषधि महानियंत्रक ने इन दोनों दवा कंपनियों को लिखित रूप से इनके टीवी विज्ञापन पर एतराज जताया है। औषधि महानियंत्रक सुरिंदर सिंह के मुताबिक ऐसी दवाओं की खुली बिक्री की इजाजत इसलिए दी गई, ताकि आपातकालीन स्थिति में महिलाओं के पास एक विकल्प यह भी उपलब्ध हो सके। लेकिन इसके उन्मुक्त उपयोग को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। वे कहते हैं कि अब औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की बैठक में इन दवाओं पर विचार किया जाएगा। लगभग एक साल पहले इनकी खुली बिक्री की इजाजत दिए जाने से पहले भी इन्हें खरीदने के लिए डाक्टर की पर्ची जरूरी होती थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि महानियंत्रक के कार्यालय को पिछले कुछ समय से इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इनके मुताबिक खास कर किशोरियों में ऐसा भ्रम पैदा हो रहा है कि ये दवा सामान्य गर्भनिरोधक की तरह है जिनका इस्तेमाल कर सुरक्षित यौन संबंध कायम किया जा सकता है। जबकि हकीकत इससे उल्टी है। ये दवाएं यौन संबंध के दौरान यौन रोगों से कोई सुरक्षा नहीं दे पातीं।
मंत्रालय के मुताबिक आई-पिल के विज्ञापन में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की भी गलत तस्वीर पेश की गई है। ऐसे एक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड दिखा कर महिला को वहां जाने से घबराते हुए दिखाया गया है।
बहुत सारे विज्ञापन भ्रम उत्पन्न करते हैं. इस पर स्पष्टीकरण जरुरी है.
जवाब देंहटाएंक्या कहे......
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