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राजस्थान के डुंगरपूर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले डुंगरपूर प्रथम श्रेणी क्रिकेटर, भारतीय टीम के मैनेजर और चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष रह चुके थे। उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया। तेरह बरस तक क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष रहे डुंगरपूर ने सुबह अपने निवास पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार रविवार को होगा। उन्नीस दिसंबर 1935 को जन्में राजसिंह डुंगरपूर के राजा महारावल लक्ष्मण सिंह के सबसे छोटे पुत्र थे। उन्होंने राजस्थान के लिए 1955 से 1971 के बीच 16 बरस तक रणजी ट्राफी खेला। उन्होंने 86 मैचों में 206 विकेट लिए थे। उन्होंने विजय मांजरेकर, हनुमंत सिंह, सलीम दुर्रानी जैसे धुरंधरों के साथ क्रिकेट खेला लेकिन भारत की ओर से कभी टेस्ट नहीं खेल पाए।
इंदौर के डेली कालेज में पढ़ाई करने वाले डुंगरपूर भारत के पूर्व कप्तान सीके नायडू के करीबी हो गए। उनके दोनों बड़े भाई जय सिंह और महिपाल सिंह राजस्थान में रहते हैं। डुंगरपूर सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के भी करीबी दोस्त थे। वह 1982 और 1986 के दौरों पर भारतीय टीम के मैनेजर रहे। वह 1984-85 और 2005-06 में पाकिस्तान दौरा करने वाली टीम के भी मैनेजर थे। डुंगरपूर ने ही क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के नियमों में बदलाव करके 14 बरस के सचिन तेंदुलकर को उनका ड्रेसिंग रूप इस्तेमाल करने की अनुमति दिलाई थी। वह उस चयन समिति के प्रमुख थे जिसने 1989-90 के पाकिस्तान दौरे के लिए तेंदुलकर को क्रिस श्रीकांत की कप्तानी वाली भारतीय टीम में जगह दी।
डुंगरपुर ने ही मोहम्मद अजहरुद्दीन को भारतीय टीम का कप्तान बनवाया और उन खिलाड़ियों की जमात को चुना जिसे बाद में उन्होंने 'टीम ऑफ नाइंटीज' कहा। इसमें तेंदुलकर और अनिल कुंबले समेत कई दिग्गज शामिल थे। खराब दौर से जूझ रहे श्रीकांत की जगह 1989-90 के न्यूजीलैंड दौरे पर अजहर को कप्तानी की पेशकश करते समय उनका यह जुमला काफी चर्चित हुआ था, 'मियां, कप्तान बनोगे।' बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर वह हमेशा मीडिया से बातचीत के लिए उपलब्ध रहते थे।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड [बीसीसीआई] ने डुंगरपुर के निधन पर श्रद्धांजलि दी। बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने हैरानी जताते हुए कहा, 'भारतीय क्रिकेट में डुंगरपुर के तीस साल से ज्यादा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।' उन्होंने कहा, 'राजभाई ने प्रशासनिक के तौर पर तीन दशक से ज्यादा भारतीय क्रिकेट की सेवा की है और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा खासकर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में।'
मैनपुरी जनपद के सभी खेल प्रेमियों की ओर से 'राज भाई' को श्रध्दासुमन |
क्रिकेट के पुरोधा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डुंगरपुर को
जवाब देंहटाएंश्रद्धाञ्जलि!