बल्लेबाजी के बादशाह सचिन तेंदुलकर के लाजवाब 44वें शतक से विशाल स्कोर बनाने के बाद टीम इंडिया ने सोमवार को हरभजन सिंह [5 विकेट] की अंगुलियों की जादूगरी से श्रीलंका को रोमांचक फाइनल मुकाबले में 46 रन से हराकर काम्पैक कप त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट सीरीज अपने नाम की। भारत की श्रीलंका में यह चौथी और कुल 22वीं टूर्नामेंट जीत है।
विशाल लक्ष्य के आगे तिलकरत्ने दिलशान [42] और सनथ जयसूर्या ने श्रीलंका को तूफानी शुरुआत दिलाई और केवल सात ओवर में साठ रन जोड़ दिए लेकिन इनकी पारियों पर विराम लगने के बाद थिलन कादांबी [66] और चामरा कापुगेदारा [35] की सातवें विकेट के लिए संघर्षपूर्ण 70 रन की साझेदारी भी नाकाफी साबित हुई और श्रीलंकाई टीम 46.5 ओवर में 273 रन ही बना पाई। इससे पूर्व भारत ने टास जीत कर ने पांच विकेट पर 319 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। सचिन ने अपने प्रिय आर प्रेमदासा स्टेडियम पर 138 रन की नायाब पारी खेली जो इस मैदान पर उनका चौथा शतक है। वहीं कप्तान महेंद्र सिंह धौनी [56], युवराज सिंह [नाबाद 56] और राहुल द्रविड़ [39] ने भी उपयोगी योगदान दिया। भारत ने श्रीलंका में आखिरी टूर्नामेंट 1998 में जीता था।
भारत को दो बार मैच में वापसी दिलाने वाले हरभजन ने 56 रन देकर पांच विकेट लिए जिससे टीम ने श्रीलंकाई सरजमीं पर लगातार तीसरी सीरीज जीतकर हैट्रिक पूरी की। मैच में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले लेकिन इसका आकर्षण सचिन का शतक और हरभजन की गेंदबाजी रही। तेंदुलकर ने 133 गेंद खेली तथा दस चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने द्रविड़ के साथ पहले विकेट के लिए 95 और धौनी के साथ दूसरे विकेट के लिए 110 रन की उपयोगी साझेदारियां भी की।
दिलशान और जयसूर्या के शुरुआती तेवरों और बाद में कादांबी और कापुगेदारा के संघर्ष से एकबारगी भारतीयों के सिर पर भी बल पड़ने लगे। ऐसे में विराट कोहली ने जयसूर्या और यूसुफ पठान ने कादांबी के आसान कैच छोड़कर टीम की निराशा बढ़ाई। धौनी ने दोनों अवसरों पर हरभजन का सहारा लिया और उन्होंने अपने कप्तान को निराश नहीं किया। हरभजन ने अपने पहले ओवर में ही दिलशान को चकमा देकर उनका मिडिल स्टंप उखाड़ा और फिर अगले ओवर में महेला जयवर्धने का अपनी ही गेंद पर कैच लिया। दिलशान ने अपनी 42 रन की पारी में 29 गेंद खेली और नौ चौके लगाए। आफ स्पिनर यूसुफ पठान को गेंद सौंपना भी सही फैसला साबित हुआ और उन्होंने अपने पहले ओवर की अंतिम गेंद पर जयसूर्या की 36 रन की पारी का भी अंत कर दिया।
धौनी ने अब ईशांत को दूसरे स्पैल के लिए बुलाया और उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बुलाए गए थिलन थुषारा [15] की गिल्लियां बिखेर दी। युवराज सिंह ने आते ही एंजेलो मैथ्यूज [14] की पारी का अंत कर दिया। कुमार संगकारा [33] हार मानने के मूड में नहीं थे लेकिन आरपी की फुलटास खेलने के प्रयास में बल्ला उनके हाथ से फिसल गया और पीछे विकेटों पर जा गिरा जिससे वह हिटविकेट हो गए।
कादांबी और कापुगेदारा ने संघर्ष जारी रखा और भारत की जीत आसान नहीं बनने दी। इन दोनों ने एक-दो रन लेकर गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन जरूरी रन गति बढ़ने से वे स्वयं भी दबाव में आते गए। सुरेश रैना ने ऐसे समय में कापुगेदारा को धौनी के हाथों कैच कराकर भारत को बड़ी सफलता दिलाई जबकि हरभजन ने अपने अगले स्पैल की तीसरी गेंद पर ही कादांबी की गिल्लियां बिखेर दी जिन्होंने अपनी पारी में 94 गेंद खेली और चार चौके लगाए। इस आफ स्पिनर ने अगली गेंद पर लेसिथ मालिंगा को भी आउट किया और फिर अजंथा मेंडिस का विकेट लेकर भारत के नाम पर जीत लिखी।
इससे पहले तेंदुलकर और द्रविड़ ने भारत को ठोस शुरुआत दिलाई। दो साल बाद वनडे में वापसी करने वाले द्रविड़ जब 24 रन पर थे तब दिलशान ने प्वाइंट पर उनका कैच छोड़ा लेकिन जयसूर्या के गेंद थामने के बाद यह पूर्व भारतीय कप्तान इसी क्षेत्ररक्षक को कैच देकर पवेलियन लौटे। उन्होंने 56 गेंद खेली तथा दो चौके और मेंडिस पर एक छक्का लगाया। तेंदुलकर के सामने श्रीलंका के स्टार गेंदबाज फीके पड़ गए। मालिंगा ने दस ओवर में 81 रन और मेंडिस ने 70 रन दिए। थुषारा ने अपने दो विकेट के लिए दस ओवर में 71 रन खर्च किए।
वनडे में 17 बार नर्वस नाइंटीज के शिकार बने तेंदुलकर हालांकि 90 की रन संख्या पार करने के बाद काफी सतर्क हो गए। उन्होंने मेंडिस की कैरम गेंद पर स्वीपर कवर पर एक रन लेकर सैकड़ा पूरा किया और उसके बाद हेलमेट निकालकर हवा में हाथ लहरा दिए। यह श्रीलंका के खिलाफ उनका आठवां शतक है। धौनी ने इसके तुरंत बाद बल्लेबाजी पावरप्ले लिया और मालिंगा की गेंद प्वाइंट क्षेत्र से चार रन के लिए भेजकर अपना 32वां वनडे अर्धशतक पूरा किया। इसी गेंदबाज के अगले ओवर में हालांकि उन्होंने शार्ट पिच गेंद पर मिडविकेट पर कादांबी को आसान कैच थमाया। तेंदुलकर शतक पूरा करने के बाद धीमे पड़े गए। ऐंठन के कारण द्रविड़ को उनके रनर के रूप में उतरना पड़ा। उन्होंने मेंडिस पर अपनी खीझ उतारी तथा उनकी लगातार तीन गेंद पर एक्स्ट्रा कवर में छक्का और दो चौके लगाए लेकिन आखिरी गेंद पर फिर रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में वह एलबीडब्ल्यू हो गए।
युवराज ने इससे पहले थुषारा की गेंद पर लांग आन पर छक्का जड़कर अपने हाथ खोले थे। उन्होंने बाद में भी आक्रामक रवैया अपनाए रखा और अपना 41वां वनडे अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने अपनी पारी में छह चौके और एक छक्का लगाया। इस बीच भारत ने पठान [0] और रैना [8] के विकेट गंवाए।
स्कोर बोर्ड :-
भारत 50 ओवर में पांच विकेट पर 319 रन
द्रविड़ का दिलशान बो जयसूर्या 39
तेंदुलकर एलबीडब्ल्यू मेंडिस 138
धौनी का कादांबी बो मलिंगा 56
युवराज नाबाद 56
पठान का कापुगेदरा बो थुषारा 0
रैना का कुलाशेखरा बो थुषारा 8
कोहली नाबाद 2
अतिरिक्त: 20
विकेट पतन: 1-95, 2-205, 3-276, 4-277, 5-302।
गेंदबाजी
कुलाशेखरा 8-0-38-0
थुषारा 10-0-71-2
मलिंगा 10-0-81-1
मेंडिस 10-0-70-1
जयसूर्या 9-0-43-1
मैथ्यूज 3-0-15-0
श्रीलंका 46.4 ओवर में 273 रन पर आउट
दिलशान बो हरभजन 42
जयसूर्या का नेहरा बो पठान 36
जयवर्धने का एंड बो हरभजन 1
संगकारा हिट विकेट रुद्र प्रताप 33
थुषारा बो ईशांत 15
मैथ्यूज का रैना बो युवराज 14
कादांबी बो हरभजन 66
कापुगेदरा का धौनी बो रैना 35
कुलाशेखरा नाबाद 9
मलिंगा का एंड बो हरभजन 0
मेंडिस स्टं धौनी बो हरभजन 7
अतिरिक्त: 15
विकेट पतन: 1-64, 2-76, 3-85, 4-108, 5-131, 6-182, 7-252, 8-264, 9-264, 10-273।
गेंदबाजी
नेहरा 7-0-43-0
ईशांत 7-0-51-1
रुद्र प्रताप 5-0-34-1
हरभजन 9.4-0-56-5
पठान 4-0-36-1
युवराज 6-0-24-1
रैना 8-0-26-1
MAN OF THE MATCH और MAN OF THE SERIES का खिताब अपने शानदार प्रदर्शन के लिए गया सचिन तेंदुलकर की झोली में | हरभजन सिंह को मिला MOST STYLIST PLAYER का खिताब |
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मैनपुरी जनपद के सभी क्रिकेट प्रेमियों की ओर से भारतीय क्रिकेट टीम को इस जीत पर बहुत बहुत बधाई |
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