चौथी वरीयता प्राप्त पेस और चेक गणराज्य के लुकास डुलोही ने तीसरी वरीयता प्राप्त भूपति और बहामा के मार्क नोएल्स की जोड़ी को 3-6, 6-3, 6-2 से हराया। किसी ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहली बार पेस और भूपति आमने सामने थे। भूपति और नोएल्स मैच सीधे सेटों में जीतने की ओर बढ़ रहे थे लेकिन पेस ने जबर्दस्त खेल दिखाकर मैच का नक्शा ही बदल दिया। डुलोही ने उनका पूरा साथ दिया। पेस का यह पांचवां पुरुष युगल खिताब है और डुलोही के साथ उन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज की है। यह उनके करियर का 41वां खिताब है। पेस ने इस साल डुलोही के साथ जून में फ्रेंच ओपन भी जीता था।
वहीं भूपति ने सात साल में कोई पुरुष युगल खिताब नहीं जीता है। आखिरी बार 2002 में बेलारूस के मैक्स मिरनी के साथ उन्होंने अमेरिकी ओपन ही जीता था। इस सत्र की शुरुआत में सानिया मिर्जा के साथ उन्होंने आस्ट्रेलियाई ओपन मिश्रित युगल खिताब अपने नाम किया था। पेस अगले गेम में अपनी सर्विस बरकरार नहीं रख सके लेकिन आठवें गेम में नोएल्स की सर्विस भी टूटने से हिसाब बराबर हो गया। इसके बाद डुलोही ने सर्विस कायम रखकर सेट जीत लिया और मुकाबला तीसरे सेट तक खिंचा। इसी लय को कायम रखते हुए पेस और डुलोही ने यह सेट और मैच जीत लिया।
भूपति ने तीसरे गेम में सहज गलती की जिसके बाद नोएल्स ने भी डबल फाल्ट करके पेस और डुलोही को जीतने का आसान मौका दे दिया। अगले गेम में पेस और डुलोही ने तीन ब्रेकप्वाइंट बचाए और सातवें गेम में अपने विरोधियों की सर्विस तोड़कर आठवें गेम में मैच जीता।
मैनपुरी जनपद के सभी खेल प्रेमियों की ऑर से पेस और डुलोही को बहुत बहुत बधाईयां और बहुत बहुत शुभकामनाएं |
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