अंकों के आधार पर भूत, वर्तमान और भविष्य बताने की कला उतनी ही पुरानी है जितना खुद अंकों का इतिहास। यानी सदियों से मनुष्य अंकशास्त्र के सम्मोहन में बंधा हुआ है। कंप्यूटर और जेट युग में भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है। अंकों की इस महिमा का एक बार फिर प्रदर्शन होने जा रहा है।
मंगल जिस अंक का स्वामी है अर्थात अंक 9 का आज अद्भुत संयोग हो रहा है जिसमें महीना, दिन और साल सबका अंक 9 है। जिसका सीधा सा मतलब मंगल ही मंगल है।
अंकों और ब्रह्मांडीय योजना के अंतगर्त अंकों के गुप्त रुझान और प्रवृत्ति का अध्ययन ही अंक ज्योतिष है। प्रत्येक अक्षर की अपनी आंकिक उपयोगिता होती है। आज पड़ने वाली 9 की तिकड़ी के प्रभाव पर जानेमाने अंकशास्त्री और ज्योतिषाचार्य डा. प्रेम कुमार शर्मा कहते हैं कि 9 अंक का स्वामी मंगल है, जो ऊर्जा और जोश का प्रतीक है। मंगल खुशी भी है झगड़ा भी है, मंगल पुलिस भी है मंगल आतंक भी है। यानी जिस व्यक्ति का मंगल सकारात्मक है उसके लिए आने वाले दिन मंगलकारी होंगे, लेकिन जिनका मंगल नकारात्मक चल रहा हो ऐसे लोगों के लिए झगड़ों से दूर रहना और बयानबाजी न करना ही अच्छा होगा। नौ की इस तिकड़ी का व्यापक प्रभाव हर क्षेत्र पर दिखाई देगा। राजनीति भी इससे अछूती नहीं रहेगी।
एक मूलांक वाले लोगों के समझदारी से लिए गए फैसले तरक्की के रास्ते खोलेंगे, वहीं जिनका मूलांक दो है उनके जीवन में इस परिघटना का मिला-जुला प्रभाव दिखाई देगा। शिक्षा, बैंकिंग या शोध से जुड़े तीन मूलाक वाले लोग नए कार्यो की योजना बना सकते हैं। अंकशास्त्री डा. शर्मा का मानना है कि चार मूलांक वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। जल्दबाजी में किए गए कार्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस मूलाक का स्वामी राहु है। अगर आपका मूलांक पांच है तो आपकी पाचों अंगुलिया घी में होंगी। मूलाक छह [जिसका स्वामी शुक्र है] वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। आने वाले दिनों में उनकी शादी के प्रस्ताव आ सकते हैं। मूलाक सात वालों में नौकरीपेशा लोगों के स्थानातरण की संभावना बन सकती है। हालाकि विदेश से संबंधित रूके काम बन सकते हैं। सात मूलाक वाले लोगों को स्वास्थ्य के मामले में बहुत सजग रहना पड़ सकता है। इस मूलांक का स्वामी शनि है। इसलिए, शनि की पूजा से कष्टों को कम किया जा सकता है। मंगल ही मंगल होगा नौ मूलाक वाले लोगों का। 9 अंक का स्वामी मंगल ग्रह है। 9 अपने आप में बहुत प्रभावशाली संख्या है। जोश का स्वामी है मंगल। ऊर्जा और आत्मविश्वास से लबालब इस मूलांक के लोग अपने जीवन के उत्तम फैसले ले पाएंगे।
पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
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ab kya likhoon, abhi abhi sangeeta ji ka gyan parak lekh padha hai , aap bhi use ek baar jaroor padhein, aapka prayaas bhi sarahniy hai
जवाब देंहटाएंSachmuch !
जवाब देंहटाएंमनुष्य भगवान नही हो सकता।
जवाब देंहटाएंमंगल-अमंगल उसी की इच्छा पर निर्भर है।
इस मूलाक का स्वामी राहु है। अगर आपका मूलांक पांच है तो आपकी पाचों अंगुलिया घी में होंगी अगर घी गर्म हुआ तो ?
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक पोस्ट.
धन्यवाद
शिवम् जी,
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है पर मूलांक पर आधारित भविष्य की बात गले नहीं उतरती, क्योंकि एक ही दिन, तारिख और साल में विभिन्न समय पर लाखों लोग जन्म लेते हैं, क्या सबके भाग्य समान मूलांक के कारण समान हो सकते हैं, ज़रा इस पर भी गौर करें,
जुडवा बच्चों का जन्म भी कुछ सेकेंड्स के अंतर से होने पर उनके भाग्यफल अलग- अलग ही पाए गए है.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com