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गुरुवार, 26 अगस्त 2010

अपनी औकात में रहो और हमारे मामलों में मत बोलो !!

आज की खबर :- सिख इस्लाम अपनाये या कश्मीर छोड़ दें  !!

कल की खबर :- सारे हिदुस्तानी इस्लाम अपनाएँ या भारत छोड़ दें  !!

फिर कहेंगे ...... सारे इस्लाम अपनाएँ या दुनिया छोड़ दें !!

यह साले पाकिस्तानी होते कौन है ........ हमे बताने वाले ??

अब भी सुधर जाओ .........नहीं तो घर में घुस कर मारेंगे और गिनेगे भी नहीं कि कितने मारे !!

इस लिए अपनी औकात में रहो और हमारे मामलों में मत बोलो !!

8 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. हमें इनपर गुस्सा करने की जरुरत नहीं है इन पर दया करो ये तो मार चुका है हिन्दू गहरी निद्रा में सो रहा है अब समय आ गया है मुसलमानों क़ा अंतिम समय है इन्हें मारना ही पड़ेगा लत क़े दावत बात से नहीं मानते.
    बहुत सामयिक मुद्दा उठाया अपने धन्यवाद.

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  3. सलभ शर्मा जी बहुत बढ़िया लिखा मगर एक वाक्य से थोड़ा असहमत ! हम हिन्दुस्तानी शांति-शांति का ही राग अलापते रह जायेंगे और वे २०४७ तक इस देश के कई और इससे ले जायेंगे !

    "अब भी सुधर जाओ .HINDUSTANIYO.नहीं तो WO घर में घुस कर मारेंगे और गिनेगे भी नहीं कि कितने मारे !!"

    यह इसलिए लिखा क्योंकि सच्चाई यही है याद कीजिये १९४७ दिल्ली से पाकिस्तान जा रही ट्रेन में अम्बाला में कुछ उग्र भीड़ के रेलवे स्टेशन पर किये गए पथराव की वजह से पाकिस्तान जा रही एक मुस्लिम महिला और एक बच्चे की मौत हो गई थी , जैसे ही यह खबर लाहोर पहुंची उन्होंने हिन्दू सिखों से भरी अमृतसर आ रही पूरी ट्रेन के यात्रियों को काट डाला एक भी जिन्दा यात्री अमृतसर नहीं पहुंचा ! हकीकत यह है एक महिला और एक बच्चे यात्री की कीमत (वो भी गैर इरादतन ह्त्या ) = पूरी ट्रेन का खात्मा !!!

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  4. अरे इन पाकिस्तानी कुत्तो को क्यो धमका रहे है, भोंकने दो, अगर आज लाल बहदुर शास्त्री जेसा प्रधान मत्री होता तो हमारी फ़ोजे इन कुतो को अफ़गानिस्तान से भी आगे तक भगा कर आती...

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  5. Desh ke bade neta okat pakistan ko uski dikhane se ghabda rahe hai. Aise main aap jaise logo ke leadership ki jarurat hai.
    Apka avhan ek nayi asha ki kiran hai.

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