इस अवसर पर प्रेस के प्रतिनिधियों का भी सम्मेलन रखा गया था। इस अवसर पर श्री राजेन्द्र पांडे अधिवक्ता अलाहाबाद, डॉ अर्चना पांडे, श्री कौशल तिवारी, श्री ललित शर्मा, तपेश जैन,मनोज पांडे श्री अहफ़ाज रशीद, सुश्री संगीता गुप्ता, फ़िरोज खान,एवं प्रेस प्रति्निधि मौजुद थे। इस अवसर पर अहफ़ाज रशीद, कौशल तिवारी, तपेश जैन,ललित शर्मा, राजेन्द्र पाण्डेय, डॉ अर्चना पान्डेय, संगीता गुप्ता ने अपने विचार प्रगट किए।
बुलंद छत्तीसगढ की तरफ़ से सभी अतिथियों का स्वागत किया गया तथा स्मृति चिन्ह दिया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता विषय पर चर्चा हूई।
अंतिम में शाबास इंडिया फ़ेम प्रमोद यादव ने 111 नारियल एक मिनट में मुक्के से फ़ोड़ कर दिखाए। करतल ध्वनि से उनके कार्य को सराहा गया। अंत अहफ़ाज रशीद द्वारा निर्मित, हमर छत्तीसगढ एव नक्सली हिंसा के खिलाफ़ दो छोटी फ़िल्में दिखाई गयी। दोनो फ़िल्में बहुत प्रभावी हैं। कार्यक्रम का समापन कौशल तिवारी जी के आभार प्रदर्शन से हुआ। हम बुलंद छत्तीसगढ के बुलंद भविष्य की कामना करते है।
( सभी चित्र और जानकारी साभार :- ललित शर्मा जी )
बहुत-बहुत सुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा , ओर उतने ही सुंदर चित्र भी, सब से अच्छा लगा नारियल फ़ोडना, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंहमारी तरफ से भी सप्रेम शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबुलंद बना रहे अऊर अपने मक़सद को बचाए रखे बुलंद छत्तीसगढ..
जवाब देंहटाएंshukriya- shivam ji
जवाब देंहटाएंवाह, इस प्रकार की पत्र वार्ताएं होती रहनी चाहिये....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत देर से आया लेकिन आ गया ना! दो दिन कोशिश करके थक गया लेकिन कमेन्ट बॉक्स को क्या दुश्मनी थी यह तो नहीं पता लेकिन उसने कमेन्ट कबूल करने से साफ़ इंकार कर दिया. अब इस समय क्या होगा,यह क्लिक के बाद मालूम होगा.
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ़ की वर्षगाँठ पर उम्दा पोस्ट लगाई. तस्वीरों ने तो मज़ा ही ला दिया, खाली कुर्सियां अच्छी लगीं. हम भारतीय, माहिर हैं किसी भी अवसर की अवहेलना के.