कहीं पढ़ा तो सोचा आपको भी पढ़ा दूँ .......
चाँद अकेला तारे गायब
रातों रात नजारे गायब
यूं तो थे हमदर्द हजारों
वक़्त पडा तो सारे गायब
महफ़िल में तो बेहद रौनक
हम किस्मत के मारे गायब
संदेशों की आवाजाही
कैसे हो हरकारे गायब
इस नैया का कौन खिवैया
लहरें तेज़ किनारे गायब
मनमोहन ने मोहा मन को
अब मनमोहक नारे गायब
रातों रात नजारे गायब
यूं तो थे हमदर्द हजारों
वक़्त पडा तो सारे गायब
महफ़िल में तो बेहद रौनक
हम किस्मत के मारे गायब
संदेशों की आवाजाही
कैसे हो हरकारे गायब
इस नैया का कौन खिवैया
लहरें तेज़ किनारे गायब
मनमोहन ने मोहा मन को
अब मनमोहक नारे गायब
बलिदानों की बारी आयी
जितने नाम पुकारे गायब
"भरत" तू कर्मवीर बन
वचन-वीर तो सारे गायब
जितने नाम पुकारे गायब
"भरत" तू कर्मवीर बन
वचन-वीर तो सारे गायब
यूं तो थे हमदर्द हजारों
जवाब देंहटाएंवक़्त पडा तो सारे गायब
यह जिसने भी लिखा है गज़ब का लिखा है ! शुभकामनायें शिवम् भाई !
यूं तो थे हमदर्द हजारों
जवाब देंहटाएंवक़्त पडा तो सारे गायब
वाह वाह वाह...लाजवाब ग़ज़ल पढवा दी आज आपने...वाह...हर शेर कमाल का है...बहुत बहुत शुक्रिया हम सब तक इसे पहुँचाने के लिए...
नीरज
बहुत सुंदर जी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअजी डरे नही कल देखा था गरीबो का मसीहा, नया सिपाही...नया हमदर्द....:)
सिवम भाई!! याद कीजिए किसका लिखा हुआ है.. एक एक सेर कीमती है, क़ाबिलेतारीफ, लेकिन है कऊन ई गुमनाम सायर!!!
जवाब देंहटाएंकैथिलिको क़े एजेंटो से अपने कबिता क़े माध्यम से क्या उम्मीद की अहै अरे देश की जानता से आवाहन करिए की नारे क़े साथ खड़ी हो
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आपकी कबिता बहुत कुछ जाती है.