धूम्रपान
एक कार्य महान
सिगरेट
है संजीवनी
पीकर
स्वास्थ्य बनाओ
समय
से पहले बूढ़े होकर
रियायतों
का लाभ उठाओ
सिगरेट
पीकर ही
हैरी और माइकल निकलते हैं
दूध
और फल खाकर तो
हरगोपाल
बनते हैं
जो
नहीं पीते उन्हें
इस
सुख से अवगत कराओ
बस में रेल में घर में जेल में
सिगरेट
सुलगाओ
अगर
पैसे कम हैं
फिर
भी काम चला लो
जरूरी
नहीं है सिगरेट
कभी कभी बीड़ी सुलगा लो
बीड़ी
सफलता की सीढ़ी
इस
पर चढ़ते चले जाओ
मेहनत
की कमाई
सही
काम में लगाओ
जो
हड्डियां गलाते हैं
वो
तपस्वी कहलाते हैं
ऐ
कलयुग के दधीचि
हड्डियों
के साथ करो
फेफड़े
और गुर्दे भी कुर्बान
क्योंकि
धूम्रपान
एक कार्य महान ||
एक कार्य महान
सिगरेट
है संजीवनी
पीकर
स्वास्थ्य बनाओ
समय
से पहले बूढ़े होकर
रियायतों
का लाभ उठाओ
सिगरेट
पीकर ही
हैरी और माइकल निकलते हैं
दूध
और फल खाकर तो
हरगोपाल
बनते हैं
जो
नहीं पीते उन्हें
इस
सुख से अवगत कराओ
बस में रेल में घर में जेल में
सिगरेट
सुलगाओ
अगर
पैसे कम हैं
फिर
भी काम चला लो
जरूरी
नहीं है सिगरेट
कभी कभी बीड़ी सुलगा लो
बीड़ी
सफलता की सीढ़ी
इस
पर चढ़ते चले जाओ
मेहनत
की कमाई
सही
काम में लगाओ
जो
हड्डियां गलाते हैं
वो
तपस्वी कहलाते हैं
ऐ
कलयुग के दधीचि
हड्डियों
के साथ करो
फेफड़े
और गुर्दे भी कुर्बान
क्योंकि
धूम्रपान
एक कार्य महान ||
(एक मित्र ने ऑरकुट पर यह राय दी थी....सोचा आप ही क्यों वंचित रहे !)
हा हा हा
जवाब देंहटाएंबहुत सारे कलयुग के दधिची इसी तरह तैयार हो रहे हैं।
लेकिन इन सड़ी-गली हड्डियों का वज्र कैसे बनेगा यह चिंतनीय है।
आभार
धांसु पोस्ट है भाई
मेहनत
जवाब देंहटाएंकी कमाई
सही
काम में लगाओ..
आपने बिल्कुल सही लिखा है! लोग ये जानते हुए भी इस बुरी आदत को छोड़ नहीं पाते! सिगरेट पीना सेहत के लिय सिर्फ़ हानिकारक ही नहीं बल्कि पैसे की भी बर्बादी है! आपने बहुत सुन्दरता से व्यंग्य किया है! आखिर लोग क्यूँ अपने आप को मार देना चाहते है इस भयानक नशा के वजह से ये समझ में नहीं आता !
बहुत ही बढ़िया..व्यग्यात्मक कविता
जवाब देंहटाएंमुस्कुरा रहा हूँ पढ़कर कि होंठों में इस वक्त यही संजीवनी सुलगी हुई है। क्या करें शिवम भाई...समय से पहले बूढ़े होने की तमन्ना बलवती होती जाती है हर बीतते समय के साथ।
जवाब देंहटाएं:-)
जय हों !!
जवाब देंहटाएंसिगरेट पीना बंद करो, बंद करो बंद करो
जवाब देंहटाएंधुआं फैलाना बंद करो बंद करो बंद करो
सिगरट बाजी नहीं चलेगी ....नहीं चलेगी नहीं चलेगी
अपने बच्चे याद करो ...याद करो याद करो
ऐसा ही कुछ करते हैं शिवम् भाई ...मेजर गौतम राजरिशी का पता तो मालुम करो ....अगर बढ़िया लोग भी इसको संजीवनी कहेंगे तो हमें नारे लगाने ही पड़ेंगे !
बहुत बढ़िया पोस्ट!
जवाब देंहटाएं--
सही नसीहत दी है!
vaah, achchhe sujhaav hain ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइस व्यंग्य से शायद कुछ लोगों की आंखें खुल जाए।
सटीक कटाक्ष है..इस बन्धन से मुक्त हुए ५ बरस से ज्यादा हुए अब!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति---आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सही ।
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