मेरे देश की धरती जैसे लोकप्रिय गीतों के रचयिता और जाने माने गीतकार गुलशन बावरा का ०७/०८/२००९ को दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया था ।
गीतकार की पड़ोसी मोनिका खन्ना ने बताया कि गुलशन बावरा की इच्छा थी कि उनकी शव को दान किया जाए इसलिए अंतिमसंस्कार नहीं किया गया था ।
वर्तमान पाकिस्तान में जन्मे गुलशन बावरा विभाजन के बाद भारत आ गए थे। अपने 42 वर्षों के फिल्मी सफर में उन्होंने यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी, सनम तेरी कसम, अगर तुम न होते, आती रहेंगी बहारें और जीवन के हर मोड़ पर मिल जाएंगे हमसफर जैसे यादगार गीत लिखे। यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी गाने के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। फ़िल्म सत्ते पे सत्ता के एक गीत प्यार हमे किस मोड़ पे ले आया में उन्होंने आर डी बर्मन के कहने से कुछ बोलो को अपनी आवाज़ भी दी थी | कुछ फिल्मो में आप अपने ख़ुद के लिखे हुए गीतों पे थिरकते भी दिखे |
बॉलीवुड अपने इस साथी को हमेशा याद करता रहेगा |
सभी मैनपुरी वासीयों का आपको शत शत नमन |
गीतकार गुलशन बावरा जी को श्राधंजलि
जवाब देंहटाएंसादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंसिवम जी..बहुत बहुत आभार एक लो प्रोफाइल गीतकार को स्रद्धांजलि देने के लिए...अमित जी का सफलता में जब तक हम लोग प्रकास मेहरा का जोगदान याद करेंगे, तब तक गुलसन बावरा का नाम लिया जाता रहेगा... एक महान देसभक्त गीतकार के चरनों में स्रद्धा सुमन...
जवाब देंहटाएंबावरा जी को सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंबावरा जी को सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।
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इसकी चर्चा तो चर्चा मंच पर भी है-
http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/238.html
aadarniy gulshan bawara ji jaise mahaan geetkaar ko koun bhool sakta hai bhala.aaj bhi unke geet logon ki jubaan parthirakte rahte hai .aise mahaangeetkaar ko ham sabka shat-shat naman.
जवाब देंहटाएंpoonam