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रविवार, 6 जून 2010

'नीला तारा' हुआ २६ साल का


आज से ठीक २६ साल पहले अपने देश भारत की राजनीती के आकाश में जन्म था यह 'नीला तारा' | यह 'नीला तारा' अपने साथ इतनी उर्जा लिए था कि उस उर्जा से झुलसे लोग आज तक अपने घावों पर मरहम लगते नज़र आते है | और कुछ के घाव तो २६ सालो के बाद आज तक भरे भी नहीं है |

बहुत से सवाल आज तक उतर के इंतज़ार में है और अगर यही हाल रहा तो कल तक भूला भी दिए जायेगे क्यों यही होता आया है अपने देश में !

आज जरूरत है एक संकल्प की कि आगे भविष्य में कभी भी ऐसी नौबत नहीं आने दी जाएगी कि अपने देश में फिर कोई 'नीला तारा' जन्म लें | और यह संकल्प लेना होगा हमारे नेतायों को ............और हमे भी |

जाने 'नीला तारा' के विषय में |

7 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लू-स्टार!!
    आज़ाद हिन्दुस्तान की सबसे बडी भूल, या यूं कहें की आज़ाद भारत की सबसे बडी घटनाओं में से एक। जिसने देश की दिशा और दशा बदल दी....

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  2. लेकिन इस के अलावा कोई दुसरा चारा भी नही था, वेसे भुल तो इंदरा ने बहुत पहले कि थी यह तो एक सजा मात्र थी भोले भाले लोग के लिये

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  3. समय रहते घाव का इलाज न करने से गैंगरीन होने का ख़तरा रहता ही है

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  4. ब्लू स्टार के दौरान मारे गए लोगों को नमन एवं भावांजली।

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  5. यह कविता मैंने १९८३ में लिखी थी, कुछ पंक्तियाँ ;
    भविष्य अनिश्चित पंजाब का वर्तमान कौन संभाले,
    हर तरफ हलचल मचा दी साबाश रे भिंडरा वाले
    तुम छिपे हो गुरुद्वारे में, सब जान गए तुम्हारे बारे में
    बल नजर नहीं आता तुम्हे एकता अखंडता के नारे में
    लोग संतो से डरने लगे, पड़े है सब ओर संतों के लाले
    हर तरफ हलचल मचा दी साबाश रे भिंडरा वाले

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  6. इतिहास में केतना अईसा घटना है… आप हमेसा अनोखा जानकारी लेकर आते हैं...धन्यवाद!!

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  7. गलती से हमरा कमेंट हमरा दुसरका ब्लॉग के तरफ से हो गया (सम्वेदना के स्वर)... चलिए शिवम बाबू कोई बात नहीं...

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