में आज का पत्रकार ।
मुझे गरीबों की मजबूरी से क्या सरोकार । ।
जीता हूँ ,मैं रईशों की जिंदगी ।
बिन AC मेरा जीवन बेकार । ।
मैं तो करूंगा चापलूसी उसकी।
कमाई होगी ऊपरी जिसकी । ।
पैसा ईमान मेरा भगवान् मेरा ।
बिन पैसा , मेरा जीवन बेकार । ।
मैं देख कर भी नहीं देखता अपराध , भ्रस्टाचार ।
जब तक आता रहे मेरा टैक्स हर बार ।
(नोट : आज के भ्रष्ट पत्रकारों को समर्पित एक लघु रचना । )
पाठक बताएँ ये संहारक है या नहीं ।
पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
सदस्य
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरा परिचय
मेरे अन्य ब्लॉग
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2010
(167)
-
▼
जून
(17)
- इंतज़ार ...इंतज़ार ...इंतज़ार और इंतज़ार - 40 साल से अ...
- इमरजेंसी के ३५ साल बाद एक और इमरजेंसी !
- एनी टाइम स्नैक - फल
- " 'ग्रुप कैप्टन' तेंदुलकर रिपोर्टिंग सर ! "
- अगर यही आपके साथ हो तो क्या करेंगे आप ....??
- कार्तिक बड़ा प्यारा, पापा का दुलारा !
- " बाप, बाप ही होता है |"
- महारानी के महा बलिदान दिवस पर विशेष
- "बिना मरे स्वर्ग नहीं दिखता"
- जिन्होंने जज्बे से जीता जग
- मेरी वह मुराद ............बिन मांगे जो पूरी हुयी !!
- पहली बरसी पर विशेष :- अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
- त्रासदी के 25 वर्ष बाद आया फैसला - भोपाल गैस कांड ...
- 'नीला तारा' हुआ २६ साल का
- हम बचत करेंगे तो ही बचेगी हमारी दुनिया !
- तुम यह कैसा सुख पाते हो..............................
- आज का पत्रकार
-
▼
जून
(17)
आज के भ्रष्ट पत्रकारों का सही रुप, बहुत सुंदर लगा. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआपके परिचय के बाद कुछ अइसने उम्मीद कर रहे थे हम लोग.. एक दम सच उजागर किए हैं.
जवाब देंहटाएंकैसे कहें की मीडिया बिका हुआ है.....
जवाब देंहटाएंअच्छी और सार्थक रचना.
बहुत खूब शर्मा जी ....................पहली पोस्ट की बहुत बहुत बधाइयाँ | युही लिखते रहिये! हमारी शुभकामनाएं आपके साथ है !
जवाब देंहटाएं