एक कहावत है,"बिना मरे स्वर्ग नहीं दिखता" ! तो साहब इस कहावत को सच होता देखा २ दिन पहले !
हुआ यह कि पिछले १ हफ्ते से हमारे मोहल्ले की बिजली सप्लाई बहुत ही ज्यादा ख़राब हो गयी थी ऊपर से 'कोड में खाज' का काम लो वोल्टेज ने किया हुआ था ! इलाके के लाइन मैन,जे ई, एस डी ओ, सब को शिकायत की गयी पर कोई भी फायेदा नहीं हुआ !
जब देखा गया कि 'पानी सर के ऊपर' जा रहा है तब यह निर्णय हुआ कि अब हम लोगो को खुद ही कुछ ना कुछ करना होगा नहीं तो ऐसे ही बैठ रहेगे बिना बत्ती और पानी के !
चाचा जात बड़े भाई साहब नीरज ने मोहल्ले के ७-८ लोगो से साथ चलने को कहा पर हर एक को कोई ना कोई 'काम' था सो तै हुआ कि हम दोनों ही बिजली दफ्तर जायेंगे और अधिकारियों से बात करेगे .......तो साहब हम दोनों ही चल पड़े बिजली दफ्तर की ओर रास्ते में मिले पुलकित और देवेश चतुर्वेदी ! वे दोनों भी साथ हो लिए |
हम चारो जब बिजली दफ्तर पहुचे तो देखते क्या है कि हम लोग तो ४ दिन से बिना बत्ती और पानी के दिन बिता रहे थे और यहाँ कुलर और पंखे चल रहे है दनदनाते हुए | आधिकारियो के विषय में जानकारी ली तो पता चला कोई है ही नहीं दफ्तर में ...................... उन अधिकारियों को फ़ोन किया गया तो कोई जवाब नहीं ..........फिर साहब एक ने उठाया तो पुछा गया आप दफ्तर कितनी देर में आ रहे है ..................जवाब आता है ४ बजे .....................जबकि उस समय १०:३० बजे थे के ...................खैर साहब यह सुनते ही हम लोगो को समझ आ गया कि अब तो 'उंगली टेडी करनी' ही होगी ! साहब बहादुर को बता दिया गया कि हम लोग आपके दफ्तर में ताले लगा रहे है अगर आप चाहते है कि यहाँ काम चलता रहे तो जल्द से जल्द यहाँ आ जाएँ !
फिर 'रघुकुल रीत' निभाते हुए हम लोगो ने बिजली दफ्तर के सभी स्टाफ को बाहर निकल दफ्तर में ताले लगवा दिए | इस पूरी करवाई के दौरान दफ्तर का चपरासी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी हम लोग के साथ सहयोग करता दिखा ...................दफ्तर में ताले भी उसने ही लगाये !
अभी हम लोग ताले लगवा कर निबटे ही थे कि एक पुलिस जीप आती दिखी ................समझ में आ गया कि साहब लोग हमारी ही खबर लेने आ रहे है ..................खैर साहब ................वे आये और आते ही पुछा माजरा क्या है ....................हम लोगो ने पूरी बात बताई ...............तो ...............इंस्पेक्टर साहब बोले बिलकुल सही कर रहे हो लेगे रहो ..................हम लोगो को तो यह सूचना दी गयी थी कि बिजली दफ्तर में तोड़ फोड़ की जा रही है और आग लगाने की धमकी दी गयी है | अपने दो सिपाहियों को वहाँ छोड़ वे भी चले गए | पुलिस के आने की बात पता नहीं कैसे मोहल्ले तक पहुच गयी ......................फिर क्या था पूरा का पूरा मोहल्ला जैसे कि आ गया बिजली दफ्तर ..................और जहाँ हम ४ लोग थे वहाँ अब पूरा हुजूम था !
अब हम लोग कर रहे थे इंतज़ार बिजली अधिकारियो का .....................कि कब वह लोग आये और हम लोगो की शिकायत पर सुनवाई हो !
लगभग २ घंटे के इंतज़ार के बाद अधिकारी वहाँ आये और वह भी पुलिस बल के साथ फिर चली वार्ता !
उनके आश्वासन के बाद दफ्तर के ताले खुले और हम सब भी अपने घर लौटे ! इस पूरे घटना क्रम में हम लोगो को जनता का काफी सहयोग मिला साथ साथ मीडिया का भी हमे समर्थन था !
बिजली आयी या नहीं? असल मुद्दा तो यही था न। जनता जागृत होगी तो सारी व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी।
जवाब देंहटाएंsahi hai bhaiyaji...kahin to log adhikaaron ke liye uth rahe hain...achchi pahal hai...ummeed hai in sabse log kuch seekhenge aur anyaay ke khilaaf awaaz uthayenge
जवाब देंहटाएंअरे वाह, यह तो कमाल ही हो गया. अब व्यवस्था ठीक है?
जवाब देंहटाएंसही किया कभी कभी वहां इस तरह की गांधीगिरी भी करना पड़ती है ....जहाँ चारों ओर बेईमान और भ्रष्टों का जमावड़ा लगा हों
जवाब देंहटाएंआंदोलन के बिना कोई सुनवाई नहीं...वैसे बिजली का क्या हुआ?
जवाब देंहटाएंआप सब को यह जान ख़ुशी होगी कि आधिकारियो से हुयी वार्ता के आधार पर करवाई की जा रही है और एक हफ्ते के अन्दर ही हमारे पूरे मोहल्ले के बिजली तार बदले जा चुके होगें ! काम शुरू हो चुका है ! पर एक समस्या अभी भी रहेगी और वह यह कि मैनपुरी कि जनता को मुलायम और मायावती के राजनीती का कुछ तो खामिआज़ा भरना ही होगा !
जवाब देंहटाएंअरे वाह, यह तो अच्छी खबर है। संघर्ष से ही सफलता मिलती है, आप लोगों ने भी यह प्रूव कर दिया।
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भविष्य बताने वाली घोड़ी।
खेतों में लहराएँगी ब्लॉग की फसलें।
बहुत खूब शिवम् भाई ,
जवाब देंहटाएंमगर बिजली दफ्तर और पुलिस इन्स्पेक्टर का नाम क्यों प्रकाशित कर रहे हैं , उनको काम करना मुश्किल हो जायेगा ! आपसे सहयोग करने की सजा उन्हें किसी और तरह से मिल सकती है ! खैर ऐसे किसी भी साहसिक अभियान में नेतृत्व कैसा है , सब कुछ उस पर निर्भर करता है ! शुभकामनायें !
शान्तिपूर्ण आंदोलन तभी सफल हो पाते हैं जब प्रशासन साथ हो. बिजली का वैसे हर जगह रोना है.
जवाब देंहटाएंagar koi bizli ya nagar palika ka adhikari samay par janta ka kam aur sahayog na kar paaye to unke office mai tala lakar unhe apne seher se hi chalta kardena chaiye.. aapki teem ne jo kiya vo kafi tarife kabil hai. agar aap jaise hi log jagruk rehenge to hi hamare desh se aalsi aur nikkamme logo ka khatma hoga. va desh pragati ki aur bad jayega...
जवाब देंहटाएंहा हा हा जे तो कमाल किए जी आप मिसर जी ।
जवाब देंहटाएंई तो एकदम अनुकरणीय और कमाल का कदम रहा ।
अगर पब्लिक इसी तरह जागरूक हो जाए तो बात ही क्या है
बिजली तो सपना हो जाएगी कुछ दिन में...
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