नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [सीएजी] ने इस गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए आयकर विभाग से कहा है कि वह इसका पता लगाए। शुक्रवार को सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश की गई। रिपोर्ट के बारे में डिप्टी सीएजी डा. एके बनर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि वर्ष 2008-09 में प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। हालांकि इससे पहले वित्त वर्ष में इसमें 7.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। चिंता की बात यह है कि कारपोरेट क्षेत्र में टैक्स जमा कराने वालों की संख्या में तेजी से कमी आई है। रिपोर्ट में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड [सीबीडीटी] से इस बारे में पता लगाने के लिए कहा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वित्त वर्षो में करदाताओं के आधार में 20.2 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में देश में 2.71 करोड़ करदाता थे, जो 2008-09 में बढ़कर 3.26 करोड़ हो गए। वर्ष 2006-07 के मुकाबले 2007-08 में करदाताओं की संख्या में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं वर्ष 2007-08 की तुलना में 2008-09 में इसमें तीन प्रतिशत की गिरावट आ गई।
हाँ यह बिलकुल सही ही होगा. ५०,००० से ज्यादा के लेनदेन के लिए पेन कार्ड अनिवार्य है. करदाता तो तभी बनेगा जब कर योग्य आय हो.जब आय ही नहीं है तो फिर रिटर्न क्यों भरें. कई लोगों ने केवल अपनी ID प्रूफ के लिए कार्ड बनवाया है. इसमें मेरा बेरोजगार पुत्र भी शामिल है.
जवाब देंहटाएंक्या करें ,७०% पैन कार्ड धारक इमानदार हैं /जिनका पैसा तो दूर ,थाली की रोटी भी इस देश के भ्रष्ट मंत्रियों ने खा लिया है / मेरे ख्याल में तो जो व्यक्ति अपनी सामाजिक जाँच करवाने के लिए हर वक्त तैयार हो उसको इनकम टेक्स से दूर रखा जाना चाहिए और भ्रष्टाचारियों की सारी सम्पति को टेक्स के रूप में देश के खजाने में जमा करवा देना चाहिए /आखिर इसी खजाने से तो लूटी गयी है ये /
जवाब देंहटाएंओर जिन के पैन कार्ड नही क्या वो ईमानदार है???? क्या हमारे नेता जी ईमान दार है किन्ही दस के नाम बताओ तो जाने???
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