मुंबई इंडियंस सचिन की फिटनेस को लेकर काफी चिंतित है तो वहीं चेन्नई सुपर किंग्स दूसरी बार फाइनल में पहुंच कर खिताब जीतने का हर संभव प्रयास करेगी। आईपीएल और विवाद का इस टी-20 लीग के जन्म से ही गहरा नाता रहा है लेकिन इस बार संकट काफी गहरा गया है क्योंकि इस बार काले धन से लेकर सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोप आईपीएल को जकड़ते हुए दिख रहे हैं।
आईपीएल आयुक्त ललित मोदी चारों तरफ से घिरे हैं और उन पर अपना पद छोड़ने के लिए दबाव बढ़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच आखिरी किले पर फतह हासिल करने के लिए मैदान सज चुका है। मुंबई इंडियंस के कप्तान तेंदुलकर चोटिल हैं और टीम अब भी यह कहने की स्थिति में नहीं है कि वह फाइनल तक फिट हो पाएंगे या नहीं। तेंदुलकर के दाएं हाथ में चोट ऐसे समय में लगी है जब मुंबई इंडियंस पहली बार आईपीएल फाइनल खेल रहा है।
सचिन तेंदुलकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ पहले सेमीफाइनल के दौरान चोटिल हो गए थे। उनकी उपलब्धता को लेकर बाद में घोषणा की जाएगी लेकिन यदि वह मैच से बाहर बैठते हैं तो यह मुंबई की तीन साल में पहली बार खिताब जीतने की संभावनाओं के लिए करारा झटका होगा। तेंदुलकर बेहतरीन फार्म में चल रहे हैं और उन्हें टूर्नामेंट में अब तक 570 रन बनाने के लिए शुक्रवार रात आईपीएल पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी चुना गया।
इस दिग्गज बल्लेबाज ने हालांकि आगे बढ़कर नेतृत्व किया लेकिन टीम के अन्य खिलाड़ियों ने भी मुंबई को फाइनल में पहुंचाने में अहम योगदान दिया है। जिन अन्य खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है उनमें सौरभ तिवारी ने हर मौके का फायदा उठाया तो अंबाती रायूडु ने विकेट के आगे और विकेट के पीछे दोनों भूमिकाओं में प्रभावित किया। वेस्टइंडीज के बिग हिटर कीरोन पोलार्ड ने भी टीम को कई बार संकट से उबारा है।
तेंदुलकर की मास्टरी से मिले मजबूत आधार को अगर तिवारी और रायूडु ने आगे बढ़ाया तो पोलार्ड ने डेथ ओवरों में चौकों और छक्कों की बौछार करके स्कोर को नए मुकाम पर पहुंचाने में मदद की। पोलार्ड ने पिछले दो मैच में दिल्ली डेयर डेविल्स के खिलाफ 13 गेंद पर नाबाद 45 रन और रायल चैलेंजर्स के खिलाफ इतनी ही गेंद पर नाबाद 33 रन बनाकर पासा पलटने में देर नहीं लगाई थी।
मुंबई को आशा है कि फाइनल में अन्य बल्लेबाज खासकर सनथ जयसूर्या भी महत्वपूर्ण पारी खेलें। अगर तेंदुलकर फिट नहीं होते हैं तो फिर जयसूर्या का खेलना तय है। मुंबई की गेंदबाजी भी काफी मजबूत है और उसके पांच में से तीन गेंदबाज बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। लेसिथ मलिंगा का शुरुआत और अंत में कोई जवाब नहीं जबकि हरभजन सिंह ने बीच के ओवरों में बल्लेबाजों को अधिक मौके नहीं दिए। इसके अलावा मुंबई को घरेलू दर्शकों के सामने खेलने का भी लाभ मिलेगा।
जहां तक चेन्नई सुपर किंग्स का सवाल है तो वह मैथ्यू हेडन की फार्म को लेकर काफी चिंतित होगा। सुरेश रैना, मुरली विजय और एस बद्रीनाथ ने हालांकि अच्छी पारियां खेली हैं और यदि कप्तान धोनी भी फार्म में लौट आते हैं तो यह उनके लिए खुशी की बात होगी। आस्ट्रेलियाई डग बोलिंगर को छोड़कर चेन्नई के तेज गेंदबाज खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम पावरप्ले में आफ स्पिनर आर अश्विन पर निर्भर है जिन्होंने इस दौरान हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया।
सुपर किंग्स ने सेमीफाइनल में पिछले साल के विजेता डक्कन चार्जर्स के खिलाफ तीन स्पिनर अश्विन, शादाब जकाती और मुथैया मुरलीधरन को उतारा था। विकेट से टर्न मिल रहा है और जिस तरह से चेन्नई के तेज गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं वैसे में वह फाइनल में भी तीन स्पिनरों के साथ उतर सकता है।
इन्तजार है...देखिये क्या होता है.
जवाब देंहटाएंJisme hoga damkham wahi hakdaar hoga taaj ka.... waise Sachin ke Janam din ka agar yah tofa mil jay to behad khushi hogi....
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