मैं ना हिन्दू ना मुसलमान ; मुझे जीने दो !
दोस्ती है मेरा ईमान ; मुझे जीने दो !
कोई एहेसान ना करो मुझ पे तो एहेसान होगा;
बस इतना करो एहेसान , मुझे जीने दो !
ना मैं लेखक ना कवि ; ना बनना मुझे ब्लॉगर महान ;
मुझे जीने दो !!
दोस्ती है मेरा ईमान ; मुझे जीने दो !
कोई एहेसान ना करो मुझ पे तो एहेसान होगा;
बस इतना करो एहेसान , मुझे जीने दो !
ना मैं लेखक ना कवि ; ना बनना मुझे ब्लॉगर महान ;
मुझे जीने दो !!
ना मैं लेखक ना कवि ; ना बनना मुझे ब्लॉगर महान ;
जवाब देंहटाएंमुझे जीने दो !!
यह सन्देश नही मन्त्र है!
हम भी तो यही चाहते है जी
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