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शनिवार, 24 अप्रैल 2010

बड़े काम की है झपकी


नींद और ख्वाब का पुराना रिश्ता है और इसमें एक नया पहलू जोड़ते हुए वैज्ञानिकों ने झपकी और सपने के बीच एक अनोखे संबंध का पता लगाया है।

हारवर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक झपकी से ऐन पहले देखे गए काम के बारे में ख्वाब देखने से जागने के बाद वह कार्य और बेहतर ढंग से होता है। वहीं, ऐसा नहीं करने वाले या झपकी के दौरान काम से जुड़ा सपना नहीं देखने वाले लोग अपेक्षाकृत कम च्च्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। इस अध्ययन में शामिल किए गए लोगों को कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर थ्री-डी पहेली सुलझाने को कहा गया था। पहेली में उनसे एक पेड़ ढूंढने को कहा गया था।

इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता रॉबर्ट स्टिकगोल्ड ने कहा कि उनमें से जिन लोगों को झपकी लेने की इजाजत दी गई और जिन्होंने पहेली से जुड़ा ख्वाब देखा, उन्होंने कम वक्त में ही पहेली सुलझा ली। उन्होंने कहा कि सपनों के अध्ययन से जाहिर होता है कि दिमाग एक ही समस्या के बारे में कई स्तरों पर सोचता है।

4 टिप्‍पणियां:

  1. भाई हमारे यहां तो यह मुयि झपकी नोकरी ले लेती है कभी कभी

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  2. नींद और ख्वाब का गहरा रिश्ता है!
    मन शान्त हो तो गहरी नींद भी आयेगी
    और स्वप्न भी बढ़िया आयेंगे!

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  3. झपकी से ऐन पहले देखे गए काम के बारे में ख्वाब देखने से जागने के बाद वह कार्य और बेहतर ढंग से होता है।


    कुछ कठिन नहीं लग रहा है यह वाक्य। थोड़ा आसान बना लें इसे तो बेहतर होगा। वैसे पोस्ट बढ़िया है।

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  4. झपकी तो कई घण्‍टों की नींद से ज्‍यादा फायेदामंद है। जब दिन में केवल एक झपकी आती है तो एकदम फ्रेश अनुभव होता है, नींद निकालने पर तो शरीर में भारीपन रहता है। इसीकारण पहेली हल हो गयी होगी।

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