आज का दिन मेरे और कार्तिक ( मेरे बेटे ) के जीवन का एक ऐसा ही बहुत बड़ा दिन है ! आज कार्तिक पहली बार स्कूल गया |
जिस दिन से कार्तिक को पता चला कि वह स्कूल जाने वाला है ..............जनाब बेहद खुश थे ........कारण ...... आस पड़ोस के बच्चो को देख और अपनी मौसी के बच्चो से सुन रखा था .............कार्टून वाली वाटर बोतल और कार्टून वाले स्कूल बैग के बारे में ! तो साहब दोनों ही मांगे पूरी की गयी है ..........
भाई हमने भी तो काफी ब्लैकमेल किया था अपने माता पिता को इसी मुद्दे पर तो अपने साथ भी यही हो रहा है ! आपने तो सुना ही होगा इतिहास अपने आप को दुहराता है !
तो आज सुबह से ही घर का माहौल बड़ा ही पढ़ाकू - पढ़ाकू हो रहा था .......निर्धारित समय पर रिक्शा आया और कार्तिक जी ने अपना पहला कदम स्कूल की ओर निकाला ठीक उसी अंदाज़ में जैसे की कभी नील आर्मस्ट्रोंग ने निकाला होगा अपने यान में से चाँद पर उतरने से पहले ! १० मिनट के बाद हम लोग स्कूल के गेट पर थे पता चला थोड़ी देर हो गयी है आने में खैर पहला दिन था सो............ सब चलता है यार ! जब कार्तिक का बाप कभी टाइम पर स्कूल नहीं गया तो कार्तिक कैसा पहुँच जाता !! ;-)
कार्तिक को प्रार्थना के लिए ले जाया गया तो हम भी पीछे हो लिए चुपके से और खीच ली एक फोटो !
कार्तिक को थोडा आजीब तो लग रहा था पर एक नयी जगह और नए वातावरण में मौज लेना इन को खूब आता है ! सो लग लिए यह भी सब के साथ !
प्रिंसिपल से मिले तो उन्होंने कहा कि मैं २ घंटे बाद आ जाऊ कार्तिक को लेने क्यों कि आज पहला दिन है इस लिए उसको जल्दी घर जाने दिया जाएगा ! इस बीच अगर उसको कोई दिक्कत हुयी तो मुझे फ़ोन कर दिया जायेगा !
ठीक २ घंटे बाद मैं स्कूल में हाज़िर था दिल में बहुत सी शंकाएं लिए कि पता नहीं क्या हुआ होगा ...... क्या क्या किया होगा कार्तिक ने ........कहीं रोया तो नहीं .......??
पर यह क्या ................यह क्या देख - सुन रहा हूँ ............प्रिंसिपल कहते है .............बड़ा ही मस्त बच्चा है जी आपका ........बिलकुल भी नहीं रोया ............अभी भी खेल ही रहा है बाकी बच्चो के साथ .......
क्लास में झाँक कर देखा तो ..........बात सही थी ..........जनाब टोटल मस्ती कर रहे थे वहाँ रखे खिलोनों के साथ !
सच बताता हूँ दिल को बड़ी राहत हुयी !
इतने में घंटी बज गयी .........पता चला टिफिन टाइम हुआ है .......मैंने कार्तिक को आवाज़ दी और चलने को कहा .............प्रिंसिपल की अनुमति तो पहले ही थी !
उसके निकलते ही मैंने पुछा," मज़ा आया ?? "
जवाब आया, " हाँ!! "
मैंने फिर पुछा," कल फिर आओगे ?? "
जवाब मिला " हाँ ! "
मेरा बेटा बड़ा हो गया है ................सुना आप लोगो ने .................
मेरा बेटा बड़ा हो गया है !!
bahut badhiya rahee school ke pahle din kee report
जवाब देंहटाएंभाई बहुत बहुत बधाई। कार्तिक के लिए ढेरो शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंगज्जब की पोस्ट लिख डाली है भाई आज तो आपनें, हमारा स्कूल का पहला दिन याद आ गया भाई। पुग्गा फ़ाड कर रोये थे, हम नहीं हमारी मैडम। वो गोदी ले रही थी और हम आना नहीं चाह रहे थे फ़िर दांत काट लिया....
बहुत अच्छा लगा भाई. कार्तिक बेटा पापा की तरह मत करना, रोजाना टाईम पर स्कूल जाना।
अरे वाह!...कार्तिक का स्कूल में पहला दिन तो बहुत बढ़िया गुज़रा ...
जवाब देंहटाएंघर से बाहर उठे उसके पहले कदम से वह वाकई बड़ा हो गया है ! इस प्यारे से बच्चे को आशीर्वाद और आपको शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंएक अनुरोध है इसके बचपन की तस्वीरों को संजो कर रखियेगा साथ ही इसके अवोध प्रश्न और आवाजें जब भी समय हो रिकार्ड करियेगा ! बड़े होकर यह आपका शुक्रगुजार होगा की मेरे पापा ने मेरी सारी यादें सहेज कर रखी है ! अक्सर हम यह गलती कर जाते हैं ....
सादर
आज तो आपकी पोस्ट बडी खास है .. सचमुच आपका बेटा बडा हो गया है .. स्कूल का इंतजार कर रहा था .. रोएगा क्यूं भला ??
जवाब देंहटाएंबेटे को ढेरो शुभकामनाएं !!
और आप दोनो मम्मी पापा को बहुत बहुत बधाई !!
आपको बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएं--
बेटे को ऐसी कहानियाँ सुनाते रहना
जिससे उसका स्कूल के पेरति आकर्षण बना रहे!
कार्तिक को स्वर्णिम भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाये ...
जवाब देंहटाएंहमरे ओर से भर जीव आसिर्वाद... चाँद सा बेटा जल्दी से चाँद छूने लगे!!
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग का भविष्य उज्ज्वल है।
जवाब देंहटाएंआपका बेटा मन निर्मल है
भैया टोपी तो पहना दी होती।
वैसे आज भारत बंद है
सारे देश में स्कूल बंद हैं
और आपने स्कूल खोल रखे हैं
आप भी इतिहास बनाने में यकीन रखते हैं।
बेटे के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा....बहत प्यारा बच्चा है.... ढेरों आशीर्वाद और स्नेह...
जवाब देंहटाएंबेटे से मुहब्बत देख ख़ुशी हुई
जवाब देंहटाएंबच्चों का स्कूल में पहला दिन - महत्वपूर्ण पड़ाव है। उसके सुखमय जीवन के लिये शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबधाई हो इस मील के पत्थर वाले पल के लिए ...
जवाब देंहटाएंशिवम भाई
जवाब देंहटाएंजब बच्चा पहली बार स्कुल जाता है तो
पिता और माता के मन में एक उमंग होती है।
जिस तरह एक वृक्ष अपने बीज को पल्लवित होते देखता और
हर्ष से भर उठता है,हवा से उसकी पत्तियां खुशी के मारे लरजती हैं।
बालक कार्तिक को शुभाशीष
काम से काम इसे तो बड़ा ना होने दो...बड़े बनकर कुछ नहीं मिलता दोस्त....कार्तिक वैसे अपना हीरो लगता है..
जवाब देंहटाएं