पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
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शुक्रवार, 26 जून 2009
माया ही माया ........सब माया है !!!!!!
तो आखिरकार तैयार हो ही गई माया और कांशीराम की ४० मूर्तियाँ ! और शीघ्र ही मायावती जी इनका अनावरण करने जा रही है ! बात इसलिए ख़ास है कि ये मूर्तिया उत्तरप्रदेश की एक विशाल सरकारी जमीन पर लगने को तैयार है ये हमारे इस तथाकथित सबसे बड़े लोकतंत्र की इस सदी के दो महान राजनेताओ की मूर्तिया है, एक की जीते जी, और दूसरे की मरणोपरांत ! जीते जी इसलिए कि बाद में उत्तराधिकारियों पर भरोसा नहीं है कि वे बनायेंगे भी या नहीं, इसलिए अभी से निपटा दिया ! दूसरी ख़ास बात है इनकी कीमत, एक अरब चौरानब्बे करोड़ की लागत से तैयार इन मोर्तियो की चमक ही कुछ ख़ास है ! जो बात ख़ास नहीं है उसे भी लिख दूं, और वह यह है कि इस एक अरब चौरानब्बे करोड़ रूपये में उत्तरप्रदेश के सारे दलित परिवार करीब चार महीने तक सरकारी खर्चे पर भंडारा लगाके मुफ्त में भरपेट खिलाये जा सकते थे ! खैर, ऐंसी बाते लोकतंत्र में ज्यादा अहमियत नहीं रखती, दलित भूखे रहते है तो वो उनके अपने कर्म है, उससे मायावती बहन को क्या लेना देना ? बहन मायावती जी के लिए तो वो क्या खुशनुमा पल होंगे जब कभी फुरसत पर वह अपने बनाए ( चाहे वह लोगो की गाढे टैक्स की कमाई से ही क्यों न बने हो ) पार्क में अपनी ही मूर्तियों के बीच से गुजरते हुए भ्रमण करेंगी और कबूतर तथा अन्य पक्षी, मूर्तियों के सिर में बैठकर अपना पेट हल्का करता देखेगी ! सच में किस्मत वालो को ही ऐसे सीन देखने को नसीब होते है !
प्रदेश की गरीब जनता के शब्दों में "हमार एसन नसीब कहाँ बाबू , हम तो गरीब जनता बा | पन बाबू हम टैक्स जरूर देत है मूर्ति लगना भी तो जरूरी बा न बाबू ...........पार्क आख़िर बनता तो हम जैसन के लिए ही है न ????"
अब यह तो हम नहीं जानते की पार्क किन के लिए बनता है पर हाँ यह जरूर जानते है इन् पार्को और समाराको के चक्कर में हम जरूर बन जाते है ........ अरे "वोही" जो दिन में सोता है और रात में जागता है ...... क्यों समझ गए ??
टाईम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित एक लेख यहाँ प्रस्तुत है |
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Sab Maya hai Bhai Sab Maya!!!!!! is kahani se ye shiksha milti hai ki duniya main keval do hi varg hote hai Shashk aur Shashit na ki Agde aur Pichade. jis ko moka milega wo hi dhoyega.
जवाब देंहटाएंशर्म शर्म शर्म
जवाब देंहटाएंमायावति की तो एक ही दिख रही है. ४० तो हाथियों की हैं, उन्हें भी गिना है क्या?
जवाब देंहटाएंशर्मनाक!! ये कैसा लोकतंत्र है?
हमारे आपके कहने से क्या होगा उनका वोट बैंक कहे तब न बात बनेगी .
जवाब देंहटाएंइससे बड़ा शर्म क्या हो सकता है !
जवाब देंहटाएंदेश के लिए मायावती के किए इस महान कार्य को देश सदा याद रखेगा....:))
जवाब देंहटाएंthik hai.
जवाब देंहटाएंभीम राव अन्बेडकर जी और कांशीराम जब दोनो ही उत्तरप्रदेश की वसीयत इनके नाम लिख गये हैं तो फिर ये अपनी पैतृ्क सम्पत्ति का जैसे चाहें भोग करें!!!!!!
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