बीते शनिवार को उत्तरी स्काटलैंड में इनवरनेस के रेगमोरे अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बैरन रोस शिरे में पोर्टमाहोमैक में रह रहे थे। बैरन के अंतिम संस्कार के जानकार एलसडेयर राइंड ने मीडिया को उनके निधन के बारे में जानकारी दी।
उल्लेखनीय बैंकों में टीलर या रोकड़िया रहता है जो पैसे गिनने और ग्राहकों को भुगतान करता है। इसी से प्रेरित होकर बैरन ने एटीएम-आटोमेटेड टैलर मशीन का अविष्कार किया।
1965 में ही उनके दिमाग में आटोमेटिक पैसे के भुगतान करने की मशीन का विचार आया था। वह उस समय प्रिंटिंग कंपनी डे ला रू में कार्यरत थे। उन्हें पैसा निकालने बैंक जाना था लेकिन स्नान करते वक्त काफी देर हो गई, जिसके बाद उनके दिमाग में यह विचार आया था।
वर्ष 2007 में बैरन ने एक साक्षात्कार में कहा था, 'मेरे दिमाग में यह बात कौंध गई थी क्या ऐसा नहीं हो सकता कि मैं अपना पैसा विश्व या ब्रिटेन के किसी भी हिस्से में आसानी से निकाल सकूं। नकदी के बदले चाकलेट देने वाली मशीन से यह विचार में दिमाग में आया था।'
वर्ष 1967 में लंदन स्थित बैंक में पहली एटीएम स्थापित की गई। उस समय के लोकप्रिय टीवी कलाकार रेग वार्ने एटीएम से पैसा निकालने वाले पहले व्यक्ति बने थे। पिन और विशेष चेक के माध्यम से एटीएम ने पहला भुगतान किया था। इसके कारण प्लास्टिक कार्ड या एटीएम कार्ड से पैसे निकालने के युग का सूत्रपात हुआ। विशेष पिन [निजी पहचान संख्या] से आज पैसे निकालने का काम बहुत ही सरल हो चुका है। पूरे विश्व में यह प्रचलित है।
बैरन का जन्म 1925 में भारत में हुआ था। उनके माता-पिता स्काटिश थे। कैरोलिन मरे से बैरन का विवाह हुआ था। बैरन को आर्डर आफ ब्रिटिश एंपायर [ओबीई] से भी सम्मानित किया गया।
रोचक जानकारी के इस आलेख के कई किस्से काफ़ी मनोरंजक है
जवाब देंहटाएंइसे 22.05.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह 06 बजे) में शामिल करने के लिए लिंक लिया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/
बहुत सुंदर जानकारी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंआभार एटीएम के जनक के विषय में जानकारी देने का.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी मिली! जान शेफर्ड बैरन को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ! आज उनके वजह से पूरे दुनिया में लोगों को बहुत आसानी और सुविधा हो गयी है पैसे निकालने में !
जवाब देंहटाएंजॉन को श्रद्धांजलि जिन के कारण आज लाखों लोग पैसे निकालने के लिये लाइनों और भीड़ के झंझट से बचे हुये हैं।
जवाब देंहटाएंआवश्यकता आविष्कार का माई है ई बतिया सारा दुनिया मानता है... कम से कम एक दिन के लिए सारा ATM मशीन पर एगो सोक मेसेज आना चाहिए था.. शिवम जी आप एन्सैकलोपेडिया होले जा रहे हैं..
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक जानकारी मिली! जान शेफर्ड बैरन को मेरी श्रद्धांजलि देता हूँ ! अब जब कभी ATM इस्तमाल करूँगा तो उनकी याद आयेगी !
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