उपचार से बेहतर है बचाव। इसी वाक्य से प्रेरित होकर बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए विभिन्न टीके (वैक्सीन्स) उपलब्ध है। बी.सी.जी., डी.पी.टी., पोलियो ड्रॉप्स, खसरा व हिपेटाइटिस बी. जैसे सामान्य टीके सभी मुख्य अस्पतालों व क्लीनिक्स पर उपलब्ध है। वैक्सीन को सही तापमान में न रखना या उसका एक्पायरी होना और टीकाकरण के दौरान स्वच्छता व कुशल तकनीक की कमी से भी टीके के प्रभाव में बड़ा अंतर पड़ता है।
बाल रोग विशेषज्ञों के पास अब कई आधुनिक टीके भी उपलब्ध है। दिमागी बुखार, एम।एम.आर., टाइफाइड, चिकनपॉक्स , हिपेटाइटिस ए. व रोटावायरस आदि से संबंधित टीके लगवा कर आप अपने बच्चों को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रख सकते है। अक्सर बुखार व दर्द देने वाला डी.पी.टी. का टीका भी अब आधुनिक एसेल्युलर रूप में उपलब्ध है। इंजेक्टेबल पोलियो के बेहतर टीके द्वारा हम अपनी नन्हीं पीढ़ी को पोलियो के अभिशाप से सुरक्षित रख सकते है। इनके अतिरिक्त न्यूमोकॉकल, मैनिंगोकॉकल व इंफ्लूएंजा जैसे टीके कुछ बच्चों के लिए आवश्यक है।
आजकल गर्मी भी काफी है और गर्मी में छोटे बच्चों कों बीमारियाँ भी काफी होती है सो आप सब से निवेदन है कि अगर आप के घर में या घर के पास कोई छोटा बच्चा हो तो उसको टिके लगवाने के लिए उसके माता - पिता कों जरूर - जरूर प्रेरित करे !
बहुत काम की बात है धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंउपयोगी सुझाव!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया और जानकारीपूर्ण बात किया है आपने! सुन्दर प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंबहुत सही सुझाव दिया आप ने, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत नीमन काम कर रहे हैं आप. लोगों को जागरूक बनाने का काम से बड़ा तो मानवता का कोनो सेवा हइए नहीं है.
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