सदस्य

 

सोमवार, 16 नवंबर 2009

बीसीसीआई और बाकी खेल जगत ने लगाई ठाकरे को फटकार




भारतीय खेल जगत ने सोमवार को सचिन तेंदुलकर का समर्थन करते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को फटकार लगाई जिन्होंने 'मुंबई सभी की' बयान देने पर इस मास्टर बल्लेबाजी की आलोचना की थी।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बीस बरस पूरे करने के बाद मीडिया से बातचीत में तेंदुलकर ने कहा था, 'मैं एक महाराष्ट्रियन हूं और मुझे इस पर बहुत गर्व है। लेकिन मैं पहले एक भारतीय हूं और मुंबई सभी भारतीयों की है।' ठाकरे ने इस बयान की यह कहते हुए आलोचना की थी कि सचिन को नोबाल पर सिंगल लेने की जरूरत नहीं थी। ऐसे बयान देकर मराठी मानुषों की 'पिच' पर वह रन आउट हो गए हैं। उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' से कहा, 'जब मराठी मानुषों को मुंबई मिली तो सचिन पैदा भी नहीं हुए थे। मुंबई को पाने के लिए 105 मराठियों ने अपनी जान कुर्बान की थी।'

बीसीसीआई ने ठाकरे के बयान पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी जब इसकी वित्तीय समिति के अध्यक्ष और प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा, 'शिवसेना प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना की तरह बात कर रहे हैं। इस तरह के बयान पूरी तरह से अवांछित हैं। शिव सेना को इस तरह की बात करने की कोई जरूरत नहीं है। तेंदुलकर राष्ट्रवादी हैं। वह सिर्फ महाराष्ट्र के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। यदि कोई खुद को भारतीय कहता है तो क्या यह गुनाह है।' उन्होंने ने कहा, 'महाराष्ट्रियन लोगों को ऐसी बातें पसंद नहीं हैं। कुछ लोग ही इसमें साथ देंगे। उनमें से अधिकांश लोगों को यह पसंद नहीं आएगा। महाराष्ट्रियन लोग भी पहले भारतीय कहलाना चाहते हैं।'

ठाकरे ने कहा था कि तेंदुलकर ने क्रीज छोड़ दी है और मराठियों को पीड़ा पहुंचाने वाले इस तरह के बयान देकर राजनीति की पिच पर उतर आए हैं। इस पर शुक्ला ने कहा, 'शिव सेना और राज ठाकरे की पार्टी के कुछ नेताओं को छोड़कर बाकी सारा भारत और महाराष्ट्रियन तेंदुलकर के साथ हैं।' पूर्व क्रिकेटरों और एथलीटों ने भी तेंदुलकर और उनके बयान का समर्थन किया। दिग्गज धावक मिल्खा सिंह ने कहा कि तेंदुलकर ने कुछ भी गलत नहीं कहा। उन्होंने कहा, 'राजनीति और खेल अलग-अलग चीज हैं। तेंदुलकर ने सिर्फ इतना कहा कि देश पहले आता है। आप जिस राज्य के लिए खेलते हैं वह दूसरे नंबर पर आता है। राजनीति और खेल को मत मिलाओ। सचिन ने जो कहा उससे मैं बहुत खुश हूं।'

पूर्व क्रिकेटरों ने भी तेंदुलकर का समर्थन किया। राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष किरण मोरे ने कहा, 'सचिन ने एक बहुत ही सरल बयान दिया है और कोई भी भारतीय यही कहेगा। सभी जानते हैं कि सचिन महाराष्ट्रियन हैं। सचिन को इस पचड़े में मत डालो। सचिन ने देश के लिए काफी कुछ किया है। वह देश के महानतम दूतों में से एक हैं। वह इतने वर्र्षो तक गैर विवादित व्यक्ति रहे। वह काफी सरल इंसान हैं।' पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर ने कहा, 'वह अपने देश के लिए खेल रहे हैं और यही उन्हें रिकार्ड बनाने के लिए प्रेरित करता है।'

6 टिप्‍पणियां:

  1. भारतीय खेल जगत ने सोमवार को सचिन तेंदुलकर का समर्थन करते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को फटकार लगाई जिन्होंने 'मुंबई सभी की' बयान देने पर इस मास्टर बल्लेबाजी की आलोचना की थी।

    स्वागतयोग्य!
    देश किसी एक कौम या क्षेत्र की बपौती नही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. सचिन ने एक सच्‍चे भारतीय की भावना व्‍यक्‍त की थीं ।
    मास्‍टर ब्‍लास्‍टर ऐसे ही थोडी न कहलात हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  3. इन ठाकरे नाम से गुंडो से सरकार डरती क्यो है?? सचिन ने सही जबाब दिया. आप का धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. यह सचिन का मास्टर स्ट्रोक है | अभी देश के लिए रन नहीं, दो चार ऐसे स्ट्रोक चाहिए, तभी ये विघटनकारी शांत होंगे |

    जवाब देंहटाएं
  5. आपने मोडरेशन लगाया हुआ है, यहाँ गलत है | शायद आप अपनी आलोचना नहीं सुन सकते |

    जवाब देंहटाएं
  6. @ sachi मोडरेशन आलोचना के डर से नहीं बल्कि विवादों के डर से लगाया हुआ है | वैसे आपने यह भी सही कहा कि मैं अपनी आलोचना नहीं सुन सकता .........इतना महान नहीं हूँ मैं और न ही बनाना चाहता हूँ ! अपना अमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणियों की मुझे प्रतीक्षा रहती है,आप अपना अमूल्य समय मेरे लिए निकालते हैं। इसके लिए कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

ब्लॉग आर्काइव

Twitter