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सोमवार, 23 नवंबर 2009

रिकार्ड में बनाए दरोगा ई सिपाही क्या है भाई....??


बैठ जाइए और बस हमपर छोड़ दीजिए। सिलेबस है मेरे पास और माडल पेपर तैयार है। अरे रिकार्ड में दरोगा बनाए हैं, ई सिपाही क्या चीज है। ग्यारह हजार डाउन करना होगा, बाकी हम देख लेंगे। यह है सिपाही बनाने के लिए पटना के पाश इलाके में खुली एक कोचिंग का दृश्य। बात करते-करते कोचिंग संचालक माडल पेपर भी लाकर रख देता है। आधा दर्जन छात्रों के सामने वह इतिहास से लेकर गणित तक की बात कुछ इस अंदाज में करता है कि कहीं से कोई कनफ्यूजन की गुंजाइश नहीं। विदित हो कि बिहार पुलिस में तेरह हजार सिपाहियों की भर्ती होनी है।

राज्य सरकार ने इस बार सिपाही भर्ती की व्यवस्था को पलट दिया है। पहले सिपाहियों को लिखित परीक्षा में पास होना होगा और फिर उन्हें फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर ही मेधा सूची तैयार की जानी है। राजधानी के जिन इलाकों में हाल तक इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों की धूम थी उन इलाकों में सिपाही भर्ती की परीक्षा पास कराने वाली कोचिंग के नये-नये बोर्ड टागे जा रहे हैं। बोर्ड ऐसे कि आप एक नजर में गच्चा खा जाएं।

रिकार्ड दावे वाले बोर्ड में कुछ तस्वीरें भी डाल दी गयी हैं। इलाके और कोचिंग में स्पेस के आधार पर रेट हैं। पाँच हजार से ग्यारह हजार रुपये में पूरे सिलेबस को पढ़ा दिए जाने की गारंटी है।

यानी अगर चालीस लड़के भी आ गये तो तीन माह में दो लाख रुपये का धंधा। सिपाही भर्ती के लिए सिलेबस भर्ती बोर्ड ने जारी कर दिया है। वहा फ्रास की क्त्राति से लेकर संविधान के नीति निर्देशक तत्व और फिर हिंदी और अंग्रेजी के व्याकरण सहित मैट्रिक स्तर पर पढ़ायी जाने वाली विज्ञान के अध्याय शामिल हैं। कोचिंग सेंटर पर पहुंच रहे छात्रों से जब बात होती है तो वे कहते हैं-कहा से पचड़े में पड़ा जाए। एक साथ कई तरह के माडल पेपर उपलब्ध हो जाएंगे और साथ-साथ प्रैक्टिस भी। चलिए पाच हजार देकर देखते हैं। बात सिर्फ कोचिंग संस्थानों तक ही सीमित नहीं है।

गाइड और गेस पेपर छापने वाले प्रकाशकों ने भी इस मौके का भरपूर लाभ उठाने की तैयारी कर रखी है। बाजार सूत्रों की मानें तो दस-पंद्रह दिनों के भीतर बड़ी संख्या में सिपाही भर्ती में शर्तिया सफलता का दावा दिलाने वाले गाइड भी बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। कुछ जगहों पर क्रैश कोर्स की भी तैयारी है। कोचिंग संचालकों ने बताया कि उनकी योजना सिर्फ राजधानी में ही नहीं जिला स्तर पर इस तरह के कोचिंग संस्थानों को शुरू किए जाने की है। अगले माह से इस धंधे में और भी उबाल आएगा। दिसंबर तक फार्म जमा होंगे। इसके बाद परीक्षा की तारीख तय होगी।

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपके रहते तो सोचते हैं एक फार्म हम भी भर दें. :)

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  2. अच्छा अच्छा बिहार की खबर है तो एकदम पकिया है जी ...
    बताईये एतना स्वर्णिम योजना चल रहा है तईयो लोग कहता कि नितिश बाबू के राज में कुछ देखने को नहीं मिल रहा है ....एतना सिपाही मिलने के बाद बिहार का जो हाल होगा ऊ तो और गजब होगा

    अजय कुमार झा

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  3. फार्म तो भर ही दीजिये समीर भाई, लिखित और इंटरव्यू तो आप देख ही लेगे आराम से ...... physical का क्या होगा ???
    नीरज भाई को बुलाया जाये क्या subsitute के रूप में ?? दौड़ तो वह लेते ही है और वह भी मेराथन .....!!

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  4. अजय भाई, एक ठो कोचिंग खोला जाए क्या पार्टनरशिप में ??

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  5. अगर सभी सिपाही बन गये तो फ़िर तो महा शांति हो जाये गी अपने बिहार मै, वेसे धंधा अच्छा है, एक् दो फ़ार्म हमे भी भेज दे

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