सदस्य

 

रविवार, 1 जुलाई 2018

अमर शहीद कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद की ८५ वीं जयंती

परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद
वीर अब्दुल हमीद का जन्म 1-जुलाई-१९३३ को, गाजीपुर (उ.प्र.) में एक साधारण दर्जी परिवार में हुआ था. वे २७ दिसम्बर १९५४ में सेना में प्रविष्ट हुये थे और अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल से सम्मान प्राप्त किया था. १९६५ में पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र और परमवीर चक्र प्राप्त हुआ .
 
८- सितम्बर-१९६५ की रात में, पाकिस्तान द्वारा भारत पर हमला करने पर, उस हमले का जवाव देने के लिए भारतीय सेना के जवान उनका मुकाबला करने को खड़े हो गए. वीर अब्दुल हमीद पंजाब के "तारन तारण" जिले के खेमकारन सेक्टर में सेना की अग्रिम पंक्ति में तैनात थे. पाकिस्तान ने उस समय के अपराजेय माने जाने वाले "अमेरिकन पैटर्न टैंकों" के साथ, "खेम करन" सेक्टर के "असल उताड़" गाँव पर हमला कर दिया.

भारतीय सैनिकों के पास न तो टैंक थे और नहीं बड़े हथियार लेकिन उनके पास था भारत माता की रक्षा के लिए लड़ते हुए मर जाने का हौसला. भारतीय सैनिक अपनी साधारण "थ्री नॉट थ्री रायफल", और एल.एम्.जी. के साथ पैटर्न टैंकों का सामना करने लगे. हवलदार वीर अब्दुल हमीद के पास "गन माउनटेड जीप" थी जो पैटर्न टैंकों के सामने मात्र एक खिलौने के सामान थी.
 
वीर अब्दुल हमीद ने अपनी जीप में बैठ कर अपनी गन से पैटर्न टैंकों के कमजोर अंगों पर एकदम सटीक निशाना लगाकर एक -एक कर धवस्त करना प्रारम्भ कर दिया. उनको ऐसा करते देख अन्य सैनकों का भी हौसला बढ़ गया और देखते ही देखते पाकिस्तान फ़ौज में भगदड़ मच गई. वीर अब्दुल हमीद ने अपनी "गन माउनटेड जीप" से सात "पाकिस्तानी पैटर्न टैंकों" को नष्ट किया था.
देखते ही देखते भारत का "असल उताड़" गाँव "पाकिस्तानी पैटर्न टैंकों" की कब्रगाह बन गया. लेकिन भागते हुए पाकिस्तानियों का पीछा करते "वीर अब्दुल हमीद" की जीप पर एक गोला गिर जाने से वे बुरी तरह से घायल हो गए और अगले दिन ९-सितंबर को उन्होने वीरगति प्राप्त हुई लेकिन इस  की आधिकारिक  घोषणा १०-सितंबर को की गई थी.
 
इस युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए उन्हें पहले महावीर चक्र और फिर सेना का सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृत किया गया. सारा देश उनकी बहादुरी को प्रणाम करता है.
 
इस युद्ध में साधारण "गन माउनटेड जीप" के हाथों हुई "पैटर्न टैंकों" की बर्बादी को देखते हुए अमेरिका में पैटर्न टैंकों के डिजाइन को लेकर पुन: समीक्षा करनी पड़ी थी. लेकिन वो अमरीकी "पैटर्न टैंकों" के सामने केवल साधारण "गन माउनटेड जीप" जीप को ही देख कर समीक्षा कर रहे थे, उसको चलाने वाले "वीर अब्दुल हमीद" के हौसले को नहीं देख पा रहे थे.

आज हम भारत माता के इस परमवीर लाल, अमर शहीद कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद, को उनकी ८५ वीं जयंती पर शत शत नमन करते है !

2 टिप्‍पणियां:

आपकी टिप्पणियों की मुझे प्रतीक्षा रहती है,आप अपना अमूल्य समय मेरे लिए निकालते हैं। इसके लिए कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

ब्लॉग आर्काइव

Twitter