पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
जिस दिन गाँधी जी नोटों पर अवतरित हुए उसी दिन उनके आदर्श इस देश से गायब हो गये देश में गाँधी जी का नाम है गांधीवाद है अब तो गांधीगिरी भी आ गई पर उनके आदर्श और उनके बताये रास्ते तो कब के खो गये अब ये बुरा हाल किसी और शहीद का न करिये |
जवाब देंहटाएंजो है वो बुरा नहीं है।
जवाब देंहटाएंयह ख्याल बुरा नहीं है।
ये तस्वीरें और इनके आदर्श हर सच्चे भारतीय के दिल पर अंकित होने चाहिये फिर भले ही नोट पर हों या न हों, कोई फर्क नहीं पड़ता.
जवाब देंहटाएंगज़ब शहीदों को हर दिल में जगह मिलनी चाहिए ! ! शुभकामनायें आपको !की लेखनी है भाई जी ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंडाक टिकटों की तरह नोटों और सिक्कों की ऐसी शृंखलायें निकाली जा सकती हैं जो हुतात्माओं को समर्पित हों।
जवाब देंहटाएंbadiya vichar hai, par amal hone main kafi time lag jayega
जवाब देंहटाएंशहीदों को हर दिल में जगह मिलनी चाहिए...शिवम् जी
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