इंटरनेट के लिए संख्या के रूप में दिखने वाला आइपी [इंटरनेट प्रोटोकॉल] एड्रेस शुक्रवार से नहीं दिखेगा। मगर इससे इंटरनेट काम करना नहीं बंद करेगा क्योंकि पुराने आइपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 [आइपीवी-6] को उपयोग में लाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर को एक आइपी एड्रेस आवंटित किया जाता है। यह एड्रेस फोन नंबर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइटों तक पहुंचता है। साथ ही ई-मेल भी प्राप्त करता है।
अब जबकि लाखों फोन ऑनलाइन हो चुके है, आइपी एड्रेस को संख्या के रूप में आवंटित करना बंद कर दिया जाएगा। इंटरनेट प्रोटोकॉल [आइपी] वर्जन-4 की शुरुआत 1980 में की गई थी। उस समय इसे 4.1 अरब आइपी एड्रेस के लिए तैयार किया गया था। तब माना गया था कि यह संख्या कभी कम नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब का विकास करने वालों ने सोचा था कि इंटरनेट का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आइपी देने वाली अधिकृत संस्था ने बृहस्पतिवार को आइपी एड्रेस की आखिरी खेप को आवंटित कर दिया।
तो बेनामी और फ़ेक प्रोफ़ाईलर्स और स्वच्छंद हो जायेंगे शायद। ज्यादा तकनीकी जानकारी तो नहीं है लेकिन अभी तक ऐसे मामलों में आईपी एड्रेस को सुबूत के तौर पर देखा जाता रहा है। बढ़िया है जी:))
जवाब देंहटाएंबेनामियों के लिये खुशखबरी!!
जवाब देंहटाएंअजी यह तो बेनामियो के लिये एक बहुत बडी दुख खबरी सबित होगा, देखे तो सही आगे आगे
जवाब देंहटाएंपोष्ट शीर्षक भ्रामक है ! आई पी एड्रेस बंद नहीं हो रहे है ! आई पी तकनीक के पुराने वर्शन ४ की जगह अबा नया वर्शन ६ आ रहा है जो ज्यादा आई पी को सपोर्ट करता है !
जवाब देंहटाएंhttp://en.wikipedia.org/wiki/IPv6
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आपका
आशीष