यदि
आप हिंदी भाषी हैं और आधुनिक सभ्यता के शौकीन होकर बिना जरुरत अंग्रेजी
बोलने की लत पाल चुके हैं तो जरा सावधान हो जाइए। देश के वैज्ञानिकों ने
कहा है कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी भाषा बोलने से मस्तिष्क अधिक
चुस्त-दुरुस्त रहता है।
लगभग ६ वर्ष पूर्व राष्ट्रीय
मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र के डॉक्टरों ने एक अनुसंधान के बाद कहा था कि
हिंदीभाषी लोगों के लिए मस्तिष्क को चुस्त-दुरुस्त रखने का सबसे बढि़या
तरीका यही है कि वे अपनी बातचीत में अधिक से अधिक हिंदी भाषा का इस्तेमाल
करें और अंग्रेजी का इस्तेमाल जरुरत पड़ने पर ही करें। विज्ञान पत्रिका
'करंट साइंस' में प्रकाशित अनुसंधान के पूरे ब्यौरे में मस्तिष्क
विशेषज्ञों का कहना था कि अंग्रेजी बोलते समय दिमाग का सिर्फ बायां हिस्सा
सक्रिय रहता है, जबकि हिन्दी बोलते समय मस्तिष्क का दायां और बायां, दोनों
हिस्से सक्रिय हो जाते हैं जिससे दिमागी स्वास्थ्य तरोताजा रहता है।
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र की भविष्य में अन्य भारतीय भाषाओं के
प्रभाव पर भी अध्ययन करने की योजना है। अनुसंधान के डाक्टरों के अनुसार मस्तिष्क पर अंग्रेजी और हिंदी भाषा के प्रभाव का असर जानने
के लिए छात्रों के एक समूह को लेकर अनुसंधान किया गया। उन्होंने बताया कि
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र द्वारा कराए गए इस अध्ययन के पहले चरण
में छात्रों से अंग्रेजी में जोर जोर से बोलने को कहा गया और फिर हिंदी में
बात करने को कहा गया।
इस समूची प्रक्रिया में दिमाग का एमआरआई किया जाता रहा। डाक्टरों के अनुसार
मस्तिष्क के परीक्षण से पता चला है कि अंग्रेजी बोलते समय छात्रों के दिमाग
का सिर्फ बायां हिस्सा सक्रिय था, जबकि हिंदी बोलते समय दिमाग के दोनों
हिस्से [बाएं और दाएं] सक्रिय हो उठे। अनुसंधान टीम का कहना है कि ऐसा
इसलिए होता है, क्योंकि अंग्रेजी एक लाइन में सीधी पढ़ी जाने वाली भाषा है,
जबकि हिंदी के शब्दों में ऊपर-नीचे और बाएं-दाएं लगी मात्राओं के कारण
दिमाग को इसे पढ़ने में अधिक कसरत करनी पड़ती है जिससे इसका दायां हिस्सा भी
सक्रिय हो उठता है।
इन डाक्टरों की राय है कि हिंदीभाषियों को बातचीत में ज्यादातर अपनी भाषा
का इस्तेमाल ही करना चाहिए और अंग्रेजी को जरुरत पड़ने पर संपर्क भाषा के
रूप में। इस अनुसंधान के परिणामों के आधार पर कहा जा सकता है कि हिंदी की जिस तरह की वर्णमाला है,
उसके मस्तिष्क को कई फायदे हैं।
पर यह भी है कि दस्तूर ही जब ऐसा बन गया हो तो उसको निभाने मे कोई हर्ज़ नहीं ... बाकी दिन भी तो हम सब मनाते ही है ... तो साहब ... ,
सभी को हिन्दी दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ !
हिंदी की बधाई ।
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंहिन्दी चिट्ठा
हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं