दैनिक जागरण की खबर के अनुसार सरकारी और निजी बीमा कंपनियां अब बीमा धारक को पैसे का भुगतान चेक के 
माध्यम से नहीं करेंगी। सभी बीमा धारकों को भुगतान अब एनईएफटी [नेशनल 
इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर] से होगा। इसके माध्यम से पैसा सीधे बीमा धारक 
के खाते में भेजा जाएगा। 
एलआईसी के मेरठ डिवीजन में आने वाले 11 जिलों मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, 
हापुड़, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत में अब तक करीब 
ढाई लाख बीमा धारकों का एनईएफटी में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। इसके अलावा 
करीब 30 लाख ऐसे बीमाधारक जिनका पेमेंट ड्यू है, उनमें से करीब 27 हजार को 
एनईएफटी का फार्म भरने के लिए कहा गया है। एलआईसी के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक 
जीएस गिल ने बताया कि अब बीमाधारकों को एनईएफटी के माध्यम से पैसे का 
भुगतान होगा। हालांकि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल चेक से भुगतान
 जारी रहने की बात कही। 
बीमाधारकों पर बढ़ा बोझ:- 
इस महीने बीमे का प्रीमियम जमा करने वाले कई बीमाधारकों को उस समय झटका 
लगा जब उनके प्रीमियम में सर्विस टैक्स जुड़कर आ गया। कई लोगों ने पुराना 
प्रीमियम देखकर उसके आधार पर चेक काटा था, काउंटर पर प्रीमियम जमा करने गए 
तो उनसे सर्विस टैक्स का भी पैसा मांगा गया। पूछने पर पता चला कि सर्विस 
टैक्स लगा दिया गया है। एलआईसी के एक शाखा प्रबंधक ने बताया कि एक अप्रैल 
2012 से बीमा पर करीब तीन फीसदी का टैक्स लगा है। पुरानी पालिसी को तो इससे
 छूट है, लेकिन नई पालिसियों में इसे जोड़कर देना पड़ रहा है। 
 

 
एक अच्छी और एक बुरी खबर..
जवाब देंहटाएंऐसा हो चुका है . इस बार बड़ी दिक्कत आई. वैसे भी बीमा योजनाओं में मिलता कुछ खास नहीं है .
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