|| सभी मैनपुरी वासियों की ओर से 'दद्दा ' ध्यानचंद को शत शत नमन ||
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पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
दद्दा के नगर में चार वर्ष काटे हैं, बड़ा सम्मान है वहाँ जनमानस के मन में।
जवाब देंहटाएंहॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द को नमन।
जवाब देंहटाएंये वो हैं जिन्होंने हिटलर का आमंत्रण ठुकरा दिया और दुसरे वो जो कोकाकोला का अनुरोध भी नहीं ठुकरा पाते!!
जवाब देंहटाएंमनमोहन जी के पास जादू की छड़ी नहीं है लेकिन इस व्यक्ति के पास थी.. तभी तो जादूगर था ये!!
जवाब देंहटाएंध्यानचन्द जी को नमन।
जवाब देंहटाएंसोचकर दुःख होता है कि आज, भारत अपना राष्ट्रिय खेल को भूल चूका है ... मेजर ध्यानचन्द को नमन।
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