अब और क्या कहें ...
पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
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कुछ नहीं.. इसे तो बस विडम्बना कहें!!
जवाब देंहटाएंkahe nahi ab to kuchh karane ki bari hai
जवाब देंहटाएंसुन्दरगीत।
जवाब देंहटाएंभारत के लिए सुभाष जी आज भी जिन्दा है ,भारतीय जनता को यही विस्वास है वे प्रत्येक भारतीय के रग-रग में समाये हुए है.
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