रहेमु बोला नत्था से ...... पहले २४ ....फिर २८ और अब ३० ...??
नत्था बोला ......अरे हम को क्या ........चल तू खैनी घिस !!
हम कौन से नेता है जो इन सब की फ़िक्र करें ...
ना मैं मंदिर जाता .....ना तू जावे मज्जिद !!
रात को बच्चे भूखे ना सोये ....
अपनी 'उस' से बस इतनी प्रीत !!
रहेमु बोला सही कहता है ....
ले थोड़ी खैनी तू भी घिस !!
रहेमु बोला सही कहता है ....
ले थोड़ी खैनी तू भी घिस !!
तू तो गधा कुम्हार का
जवाब देंहटाएंतुझे राम से क्या काम?
रहेमु और् नत्था को क्या फर्क पड़ता है ... उन्हें तो फुर्सत ही नहीं रोटी की चिंता से
जवाब देंहटाएंशानदार
जवाब देंहटाएंमैं भी रहेमु और नत्था में से एक ही हूँ जी।
ज्यादातर जनता क्या सोचती है इस विवाद पर आपने चार लाईनों में बता दिया।
बहुत बढिया
प्रणाम स्वीकार करें
बहुत अच्छा लिखा है आपने! कुछ अलग सा और शानदार पोस्ट रहा ये आपका!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआम आदमी घिसने और घिसाने के आलावा क्या कर सकता है
जवाब देंहटाएंरहेमु और नत्था बडे स्याने हैं जी । बडिया पोस्ट।
जवाब देंहटाएंमै यकीन के संग कह सकता हुं कि ९०% लोग वो चाहे हिंदु हो या मुस्लिम उन्हे इस बात से इस फ़ेसले से कोई मतलब नही, सब शंति चाहते है, आपस मे मेल मिलाप चाह्ते है, आप ने दो लाईनो मै सच्चाई लिख दी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंभई छोटी है मगर है दमदार....
जवाब देंहटाएंविचारणीय!!
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में बडी बात .. गजब का लिखा है!!
जवाब देंहटाएंआज़ की सबसे समझदार वाली पोस्ट
जवाब देंहटाएंबेचारे चैनी घिसने के इलावा ओर कर भी क्या सकते हैं.....
जवाब देंहटाएंखैनी घिस !!..बस, और कर भी क्या सकते हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया... लिखा है.... हमें भी सिर्फ खैनी घिसने से ही मतलब है....
जवाब देंहटाएंबिकुल सटीक ...रोटी की चिन्ता में कैसा मंदिर और कैसी मस्जिद
जवाब देंहटाएंबात यहा तक ही रहे तो अच्छा है पर ये दोनो ही नेताओं के बहकाने पर मरने मारने पर उतारू हो जाएँगे ....
जवाब देंहटाएंबहुते बढिया,
जवाब देंहटाएंचल बाबा - तू भी खैनी घीस
और क्या ..हमें राम रहीम से बस रोटी तक वास्ता.
जवाब देंहटाएंsach me sirf roti daal se hamara wasta...
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