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बुधवार, 1 अप्रैल 2009

खट्टे मीठे "वादे"

आज कल चुनावी मौसम आया हुआ है अपने साथ "वादे" नाम का एक खयाली फल लाया हुआ है |
इस फल की एक खासियत, जो की इसको उगाने वाले बताते है, यह है की यह कभी भी खट्टा नहीं निकलता | वैसे आज तक हमने तो कभी भी एकदम मीठा "वादा" खाया नहीं ,थोड़ा बहुत खट्टा तो हर "वादा" निकला | इस बार के "वादे" हम ने अभी तक चखे नहीं है पर उम्मीद है की अबकी बार एक आध मीठा "वादा" तो खाने को मिलेगा !!!!
आगे जैसी हरी इच्छा !!!!!

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