पूरे दिन में हमारे साथ जो जो होता है उसका ही एक लेखा जोखा " बुरा भला " के नाम से आप सब के सामने लाने का प्रयास किया है | यह जरूरी नहीं जो हमारे साथ होता है वह सब " बुरा " हो, साथ साथ यह भी एक परम सत्य है कि सब " भला " भी नहीं होता | इस ब्लॉग में हमारी कोशिश यह होगी कि दिन भर के घटनाक्रम में से हम " बुरा " और " भला " छांट कर यहाँ पेश करे |
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गुरुवार, 2 अप्रैल 2009
भला - बुरा ,बुरा - भला ||
भला बुरा , बुरा भला है ,खोटे पर सब खरा भला है |
झूट सच का क्या पता है ,एक गम एक बड़ी बला है ,
चल ढाल सब एक जैसी ,सारा कुछ ही नापा तुला है |
सच के सर जब धुँआ उठे तो ,झूट आग में जला हुआ है ,
भला बुरा ,बुरा भला है ,खोटे पर सब खरा भला है |
काला है तो काला होगा ,मौत का ही मसाला होगा,
चूना कत्था ज़िन्दगी तो सुपारी जैसा छाला होगा |
पाप ने जना नहीं तो पापियों ने पाला होगा,
भूख से निकल गया था ,भूख से निकला होगा |
भला बुरा , बुरा भला है ,खोटे पर सब खरा भला है |
वोह जो अब कहीं नहीं है उस पे भी तो यकीं नहीं है ,
रहेता है जो फलक फलक पे ,उसका घर भी ज़मी नहीं है |
अक्कल का ख्याल अगर हो , शक्ल से भी हसी नहीं है ,
पहेले हर जगह पे था वोह, सुना है अब वोह कहीं नहीं है |
बुरा भला है , भला बुरा है ||
----- गुलज़ार
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mjha agya dost
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