आज
१३ अप्रैल है ... यूं तो हम में से काफी लोगो की ज़िन्दगी में इस दिन का
कोई न कोई ख़ास महत्व जरूर होगा ... किसी का जन्मदिन या फिर किसी की शादी
की वर्षगाँठ ... कुछ भी हो सकता है ... खैर जो भी हो ... आप आज उस खास पल
को याद जरूर कीजियेगा जिस पल ने आप की ज़िन्दगी को ऐसे हजारो खुशनुमा पल
दिए !
बस एक छोटी सी गुज़ारिश है ... साथ
साथ याद कीजियेगा उन हजारो बेगुनाह लोगो को जिन को आज के ही दिन गोलियों से
भुन दिया गया सिर्फ इस लिए क्यों की वो अपने अधिकारों की बात कर रहे थे
... आज़ादी की बात कर रहे थे ... जी हाँ ... आप की रोज़मर्रा की इस आपाधापी
भरी ज़िन्दगी में से मैं कुछ पल मांग रहा हूँ ... जलियाँवाला बाग़ के अमर शहीदों के लिए ... जिन को आजतक हमारी सरकारों ने सही मायने मे शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जब कि देश को आजाद हुए भी अब ७१ साल हो जायेंगे !!!
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अन्दर
जाने का रास्ता ... तंग होने के कारण जनरल डायर अन्दर टैंक नहीं ले जा
पाया था ... नहीं तो और भी ना जाने कितने लोग मारे जाते !! |
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बाग़ की दीवालों पर गोलियों के निशान |
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यहाँ से ही सिपाहियों ने भीड़ पर गोलियां चलाई थी |
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हत्याकांड का एक (काल्पनिक) चित्र |
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शहीद स्मारक |
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सूचना |
इस से पहले भी आप से मैं ऐसी गुजारिश कर चुका हूँ ... आगे भी करता रहूँगा ... ताकि हम भी सरकार की तरह उन अमर शहीदों को भूल न जाएँ !
१०० वीं बरसी पर जलियाँवाला बाग़ के सभी अमर शहीदों को हमारा शत शत नमन !!
कैसे भुल जाएं जो रक्त बहा मासूमों का
जवाब देंहटाएंधिक्कार
जलियांवाला बाग तो होली थी शैतानों की ।
वोट उगते शहीदों से तो याद क्या सरताज रहते। नमन शहीदों को।
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 13/04/2019 की बुलेटिन, " १०० वीं बरसी पर जलियाँवाला बाग़ कांड के शहीदों को नमन “ , में इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है|
जवाब देंहटाएंजिस घटना के नाम से ही आत्मा कांप उठती हैं उसे कैसे भुला जा सकता है ,शहीदों को समर्पित आप का ये लेख सराहनीये हैं ,सादर नमस्कार आप को ,जय हिन्द
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