देखते ही देखते ९   साल बीत गए ... पर लगता है मानो कल की ही बात हो ...  
आज
  से ठीक ९   साल पहले हिंदी साहित्य और रंग मंच को घोर कठोर आघात लगा था   
उससे वह आज तक सदमे में है ! आज ही के दिन हिंदी साहित्य और रंग मंच के ४  
 धुरंधर खिलाडी मौत के सामने हार गए थे !
  
ज्ञात हो कि ठीक ९   साल पहले आज ही के दिन एक सड़क दुर्घटना में मंच के लोकप्रिय कवि ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी और लाड सिंह गुज्जर का निधन हो गया था और ओम व्यास 'ओम' तथा ज्ञानी बैरागी
   गंभीर रूप से घायल हुए थे | सभी विदिशा से भोपाल एक इनोवा द्वारा म.प्र.
   संस्मृति विभाग द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में भाग ले कर वापस आ रहे थे |
 
दूसरी ओर जाने माने रंगकर्मी हबीब तनवीर
   का भी अचानक ही निधन हो गया | सभी कला प्रेमी सदमे में आ गए इन एक के 
बाद   एक लगे झटको से ! कोई भी इन खबरों को पचा नहीं पा रहा था | पर होनी 
तो घट   चुकी थी ! सिवाए शोक के कोई कर भी क्या सकता था   
................................ सब ने इन महान कला सेवकों को अपनी अपनी  
 अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की |
आज इस दुखद घटना को घटे ९ साल हो गए हैं तब भी इन सब विभूतियों के खो जाने का गम एकदम ताज़ा है ...काश यह दिन ना आया करें ... |
आज इस दुखद घटना को घटे ९ साल हो गए हैं तब भी इन सब विभूतियों के खो जाने का गम एकदम ताज़ा है ...काश यह दिन ना आया करें ... |
हबीब तनवीर जी , आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि |
 




 
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सपने हैं ... सपनो का क्या - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है|
जवाब देंहटाएंनमन
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि
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