मुहम्मद अली (जन्म कैसियस मर्सलास क्ले, जूनियर; जनवरी 17,
1942 - जून 3, 2016) पूर्व अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज थे, जिन्हें खेल
इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज कहा जाता है। उन्हें
बीबीसी से स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द सेंचुरी तथा स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड
द्वारा स्पोर्ट्समैन ऑफ द सेंचुरी का सम्मान मिल चुका है। अखाड़े में अली
अपने फुटवर्क और मुक्के के लिए जाने जाते थे। अली 3 बार हेवीवेट चैम्पियन
भी रहे।
व्यक्तिगत जीवन
इन्होंने चार शादियां की थीं और इनके नौ बच्चे हैं। इनमें इनकी एक बेटी लैला अली पेशेवर महिला मुक्केबाज हैं। इन्होंने 1964 में सोंजी रोई से पहली शादी की। दो वर्ष बाद 1966 में ये
दोनों अलग हो गए। इन्होंने 26 फरवरी 1965 को इन्होंने अपना नाम मोहम्मद अली
रख लिया
तथा खुद को अश्वेत मुस्लिम घोषित किया। इन्होंने अपने मुस्लिम धर्म की बात
रखते हुए अमेरिकी सेना से जुड़ने से मना कर दिया। सेना से जुड़ने से मना
करने के कारण न्यूयॉर्क स्टेट एथलेटिक कमीशन ने इन्हें बॉक्सिंग के लाइसेंस
से वंचित कर दिया।
ह्यूस्टन की जूरी ने इन्हें धोखाधड़ी के आरोप में 5 वर्ष की जेल और 10
हजार डॉलर की सजा सुनाई। इनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था परंतु अपील
करने के बाद इस सजा को 10 दिन का कर दिया गया। इन्होंने अगस्त 1967 में
बेलिंडा बॉयड से दूसरी शादी की। उन्हें तीन लड़कियां और एक लड़का हुआ। 1976
में ये दोनों भी अलग हो गए|
खेल करियर
इन्होंने पहली बार 1964 में फिर 1974 में और फिर 1978 में विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था। अली
ने 1979 में पहली बार संन्यास की घोषणा की, लेकिन 1980 में उन्होंने रिंग
में वापसी की लेकिन नए विश्व चैंपियन लैरी होम्स से ये हार गए। मुकाबले को
11वें राउंड में रोका दिया गया। अली 1981 में बॉक्सिंग से वास्तविक रूप में
रिटायरमेंट ले लिया। इनके खाते में 56 जीत 37 नॉकआउट और महज 5 हार शामिल
हैं।
निधन
2 जून 2016 को इन्हें साँस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया
गया था, जिस के बाद ३ जून को उनका निधन हो गया | 1984 से ये पारकिंसन की बीमारी से पीड़ित थे। इससे पहले पेशाब की
नली में संक्रमण की शिकायत की वजह से दिसंबर 2014 में भी ये अस्पताल में
भर्ती हुए थे।
'द ग्रेटेस्ट' मुहम्मद अली को हम सब अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि देते है और सादर नमन करते हैं !!
श्रद्धाँजलि
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-06-2018) को "हो जाता मजबूर" (चर्चा अंक-2992) (चर्चा अंक-2985) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'