उषा ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अपने सहयोगियों के साथ 14 अगस्त 1942
को सीक्रेट कांग्रेस रेडियो की शुरूआत की थी। इस रेडियो से पहला प्रसारण
भी उषा की आवाज में हुआ था। यह रेडियो लगभग हर दिन अपनी जगह बदलता था,
ताकि अंग्रेज अधिकारी उसे पकड़ न सकें। इस खुफिया रेडियो को डा. राममनोहर
लोहिया, अच्युत पटवर्धन सहित कई प्रमुख नेताओं ने सहयोग दिया। रेडियो पर
महात्मा गांधी सहित देश के प्रमुख नेताओं के रिकार्ड किए गए संदेश बजाए
जाते थे।
तीन माह तक
प्रसारण के बाद अंतत: अंग्रेज सरकार ने उषा और उनके सहयोगियों को पकड़ा
लिया और उन्हें जेल की सजा दी गई। गांधी शांति प्रतिष्ठान के सचिव
सुरेन्द्र कुमार के अनुसार उषा एक जुझारु स्वतंत्रता सेनानी थी जिन्होंने
आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। वह बचपन से ही गांधीवादी
विचारों से प्रभावित थी और उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए कई
कार्यक्रमों में बेहद रुचि से कार्य किया।
आजादी के बाद भी उषा मेहता
गांधीवादी विचारों को आगे बढ़ाने विशेषकर महिलाओं से जुडे़ कार्यक्रमों
में काफी सक्रिय रही। उन्हें गांधी स्मारक निधि की अध्यक्ष चुना गया और
वह गांधी शांति प्रतिष्ठान की सदस्य भी थीं। 25 मार्च 1920 को
सूरत के एक गांव में जन्मी उषा का महात्मा गांधी से परिचय मात्र पांच
वर्ष की उम्र में ही हो गया था। कुछ समय बाद राष्ट्रपिता ने उनके गांव के
समीप एक शिविर का आयोजन किया जिससे उन्हें बापू को समझने का और मौका
मिला। इसके बाद उन्होंने खादी पहनने और आजादी के आंदोलन में भाग लेने का
प्रण किया।
उन्होंने बंबई विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक डिग्री ली और
कानून की पढ़ाई के दौरान वह भारत छोड़ो आंदोलन में पूरी तरह से सामाजिक जीवन
में उतर गई। सीक्रेट कांग्रेस रेडियो चलाने के कारण उन्हें चार साल की
जेल हुई। जेल में उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया और उन्हें अस्पताल में
भर्ती कराना पड़ा। बाद में 1946 में रिहा किया गया।
आजादी के बाद उन्होंने गांधी के सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों पर पीएचडी
की और बंबई विश्वविद्यालय में अध्यापन शुरू किया। बाद में वह नागरिक
शास्त्र एवं राजनीति विभाग की प्रमुख बनी। इसी के साथ वह विभिन्न
गांधीवादी संस्थाओं से जुड़ी रही। भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से
सम्मानित किया। उषा मेहता का निधन 11 अगस्त 2000 को हुआ।
आप को सभी मैनपुरी वासियों का शत शत नमन |
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "१४ अगस्त और खुफिया कांग्रेस रेडियो “ , मे इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जानकारी । ऊषा जी को नमन ।
जवाब देंहटाएंHello Shivam ji, bahut achhi jankari di hai aapne, hamne aapki is post ko aapke parichay ke sath www.iBlogger.in par publish kiya hai...
जवाब देंहटाएंYour Artcile
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