विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एक लघु कथा
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जिला पुस्तकालय में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की संगोष्ठी में लम्बा भाषण देने के बाद जब ठाकुर साहब मंच से नीचे आये तो चौबे बैठे दिख गए ... झट लपक लिए उनकी ओर और तपाक से बोले ... "बोलत बोलत मौह थक गओ ... चौबे जी नेक सी कपूरी दियो ।"
:-)
जवाब देंहटाएंऔरों को नसीहत खुद मियां फजीहत !!
अनु
जय हो , असल में इन दिवसों को मनाए जाने की औपचारिकता के पीछे अक्सर कोई ऐसा ही सच निकल कर सामने आता है , सीख देती लघुकथा
जवाब देंहटाएंमराठी में भी इसके लिये एक कहावत है, लोका सांगे ब्रम्हज्ञान, स्वतः कोरडे पाषाण। अर्थ अनु जी की कहावत वाला ही।
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